सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी की बची सीटों के पर काउंसलिंग (NEET PG Counseling 2022) को रद्द कर दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने माना था पहले के चरण की काउंसलिंग में अभ्यर्थियों के लिए 146 सीटें उपलब्ध नहीं थीं, इससे अभ्यर्थियों को इन सीटों के लिए काउंसलिंग में शामिल होने का मौका नहीं मिला. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर डाक्टरों ने नीटी-पीजी 2021-22 (NEET PG) की बची सीटों के लिए काउंसलिंग में भाग लेने का निर्देश देने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 146 सीटों के लिए एक विशेष दौर की काउंसलिंग आयोजित करने का निर्देश दिया है और उन छात्रों को 146 सीटों के लिए इस दौर में भाग लेने की अनुमति दी है, जो राउंड 2 में स्टेट कोटा में शामिल हुए हैं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह नीट-पीजी की शेष बची सीटों के लिए काउंसलिंग पर गुरुवार तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. साथ ही स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) से 146 नई सीटों को जोड़ने समेत इस पूरे मुद्दे पर पुनर्विचार करने को भी कहा था.
नोटिस को इस आधार पर चुनौती गई दी थी चुनौती
शीर्ष अदालत ने पहले ये माना कि पहले के चरण की काउंसलिंग में अभ्यर्थियों के लिए 146 सीटें उपलब्ध नहीं थीं, इससे अभ्यर्थियों को इन सीटों के लिए काउंसलिंग में शामिल होने का मौका नहीं मिला. सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च की एडवाइजरी को भी खारिज कर दिया है. 16 मार्च के नोटिस को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि इसमें एकरूपता का पालन नहीं किया गया है. इसमें कहा गया है कि अगर किसी छात्र ने राज्य के कोटे में पहले के चरण की काउंसलिंग में कोई सीट ले ली है तो वह शेष बची सीटों के लिए काउंसलिंग में शामिल नहीं हो सकता है.
पीठ ने कहा था कि प्राथमिक तौर पर ऐसा लगता है कि नोटिस का समान रूप से पालन नहीं किया गया है और इससे संदेह की स्थिति होती सकती है कि क्या बची सीटों के लिए काउंसलिंग के चरण में अखिल भारतीय कोटे में सीटों का आवंटन उचित है.


