छत्तीसगढ़ की कांकेर पुलिस ने शुक्रवार को ऑनलाइन सट्टे के बड़े कारोबार का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में एक रोबोटिक्स इंजीनियर, फार्मासिस्ट सहित 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी छत्तीसगढ़ सहित मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड के रहने वाले हैं। यह लोग बोलेरो गाड़ी में IPL पर ऑनलाइन सट्टा लगवाते थे। आरोपियों के पास से मोबाइल, लैपटॉप सहित 20 लाख रुपए की संपत्ति जब्त की गई है।
दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि तीन व्यक्ति एक बोलेरो कार में घूम-घूम कर IPL पर ऑनलाइन सट्टा लगवा रहे हैं। इस पर टीम ने माकड़ी मोड़ पर घेराबंदी कर गाड़ी रुकवा ली। चेकिंग के दौरान गाड़ी में लैपटॉप, मोबाइल सहित पंखाजूर निवासी देवव्रत विश्वास व हर्षित सरकार और पीवी 99 निवासी कमलेश मजूमदार को पकड़ा। पूछताछ में आरोपियों ने महादेव एप और ऑनलाइन आईडी के जरिए सट्टा खिलवाना स्वीकार किया।
आरोपी हर्षित सरकार ने पुलिस को बताया कि उसने जगदलपुर में सट्टा कारोबार का बेस बना रखा है। इसके लिए अविनाश अतुल्य अपार्टमेंट में 10 हजार रुपए किराये का फ्लैट लिया है। इस पर पुलिस ने वहां भी छापा मारा। फ्लैट से उसके अन्य कानपुर निवासी हिमेन्द्र कुमार, रांची निवासी रुकेश कुमार और सागर निवासी रोहित गुप्ता IPL पर सट्टा लगवाते पकड़े गए। हर्षित ने अपने नाम पर ही इंटरनेट कनेक्शन ले रखा था और व्हॉट्सएप से हिसाब करता।
जगदलपुर में पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उनका एक अन्य साथी बॉबी उर्फ राजू कनौजिया भी है, जो भिलाई गया है। इस पर पुलिस की एक टीम ने आरोपियों की निशानदेही पर राजू कनौजिया के भिलाई के ठिकाने पर दबिश देकर पकड़ा। उसके पास से पुलिस ने 13500 रुपए और ऑनलाइन सट्टा खेलने में प्रयुक्त मोबाइल जब्त किया है। पुलिस उसे भी पकड़ कर कांकेर ले आई। इसके बाद आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
कैश डिपॉजिट मशीन से भेजते थे रुपए
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि IPL मैच खत्म होने के बाद जीत-हार का हिसाब कर रुपयों को खातें में भेज दिया जाता है। जो लोग नगदी लेनदेन करते हैं, उनसे मिली रकम को कैश डिपॉजिट मशीन के माध्यम से भेजा जाता। इस ट्रांजेक्शन में पुलिस को दुबई के कुछ खातों के साथ देश के अलग-अलग बड़े शहरों के कारोबारियों के नाम भी सामने आए हैं। इसके बाद अलग-अलग पुलिस टीमें बनाकर उन्हें छापेमारी के लिए भेजा जा रहा है।
इंस्टेंट अकाउंट खुलवाते, फिर वैरिफिकेशन से पहले बंद कर देते
आरोपी ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए इंस्टेंट अकाउंट का इस्तेमाल करते थे। इसके लिए प्राइवेट बैंको में ऑनलाइन या ब्रांच में जाकर 5 से 10 मिनट के बीच अकाउंट खुलवा ATM, चेक बुक व अन्य सुविधाएं लेते, जिसमें 15 से 20 दिन का वैरिफिकेशन का समय होता। उसी दौरान अकाउंट में लाखों का लेनदेन कर वेरिफिकेशन से पहले ही उपयोग करना बंद कर देते थे। आरोपियों से 40 से अधिक अलग-अलग बैंक खातों का उपयोग करने की जानकारी मिली है।
एक करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ, लाखों की संपत्ति जब्त
आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 100500 रुपए कैश, 15 मोबाइल, 2 लैपटॉप, राऊटर 35 ATM कार्ड, 40 बैंक पासबुक, बलेनो कार, बाइक जब्त की है। इसकी कीमत कुल 20 लाख रुपये अनुमानित हैं। आरोपियों से जब्त मोबाइल, लैपटॉप में महादेव ऑनलाइन एप और ऑनलाइन आईडी के माध्य्म से आईपीएल सट्टे का 1 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन भी मिला है। मुख्य आरोपी हर्षित पेशे से रोबॉटिक्स इंजीनियर है, जबकि देवव्रत फार्मासिस्ट है और बाकी अन्य आरोपी भी वेल एजुकेटेड हैं।