आबकारी नीति घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के दो दिन बाद दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। केजरीवाल दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। दिल्ली सीएम ने अगले चुनाव होने तक सीएम नहीं रहने की बात कही। वहीं दिल्ली के अगले सीएम को लेकर भी में माथापच्ची शुरू हो गई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में सबसे आगे नाम आतिशी मार्लेना का चल रहा है। आतिशी वर्तमान में केजरीवाल सरकार में शिक्षा और जल संसाधन मंत्री हैं।
केजरीवाल, मनीष सिसोदिया जैसे दिग्गज नेता जब जेल में थे, तब आतिशी ने हर मोर्चे पर पार्टी की आवाज बुलंद की। केजरीवाल की पत्नी के साथ भी वो हर मंच पर डटी रहीं। वो उन नेताओं में शुमार हैं, जिन पर केजरीवाल सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं।
सीएम पद छोड़ने का ऐलान करते हुए केजरीवाल ने ये भी कहा है, मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. जिस मामले में केजरीवाल आरोपी हैं, उसी केस में उनके करीबी सिसोदिया भी जेल में रह चुके हैं। ऐसे में अधिक संभावना यही है कि वो आतिशी को सीएम पद की जिम्मेदारी दे सकते हैं। ऐसा न करके अगर वो सिसोदिया का नाम आगे बढ़ाते हैं तो बीजेपी को केजरीवाल पर हमला करने का मौका मिल जाएगा, जो कि केजरीवाल किसी भी हालत में नहीं देने वाले हैं।
केजरीवाल का जेल से आना, फिर अचानक इस्तीफा दे देना, ये महज इत्तेफाक नहीं हो सकता। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि केजरीवाल ने सोची समझी रणनीति के तहत ये ऐलान किया है। अपनी चिरपरिचित इमोशनल पॉलिटिकल अप्रोच के जरिए वो जनता को अपने पाले में करना चाहते हैं। ऐसे में आतिशी को सीएम पद की जिम्मेदारी देकर बीजेपी पर और तीखे हमले भी बोल सकते हैं। उनके फैसले के पीछे दो और कारण भी हो सकते हैं।
केजरीवाल सरकार में आतिशी के पास 14 विभागों की जिम्मेदारी है, जो कि दिल्ली सरकार में किसी मंत्री के पास इस समय सबसे ज्यादा संख्या है। इसमें वित्त, शिक्षा और लोक निर्माण विभाग जैसे प्रमुख मंत्रालय हैं। यह बताता है कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में उनका कितना बड़ा रोल है।