बेमेतरा। निजी अस्पताल से दो दिन पहले पकड़े गए नक्सली के प्रकरण में पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि इस प्रकरण में कई चिकित्सकों की भूमिका संदिग्ध है। उनके विषय में भी जांच की जा रही है। इधर, आरोपित को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया पर वहां से पीआर नहीं मिल सका। चूंकि प्रकरण एनआइए कोर्ट में है। इसलिए अब पुलिस सोमवार को बिलासपुर स्थित एनआइए न्यायालय से उसे पीआर मांगेगी। संभावना है कि वहां से पुलिस रिमांड मिल जाएगी। तत्पश्चात आरोपित से पूछताछ की जाएगी। किंतु इन सबके अलावा जो चौंकाने वाले तथ्य सामने आने की बात कही जा रही है ।
और भी चिकित्सक हो सकते है।
हास्पिटल के संचालक की संदिग्ध भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। इसके अलावा अस्पताल से जुड़े हुए और भी कई चिकित्सक है। जोकि शासकीय सेवा में रहते हुए लगातार एके मल्टीस्पेशलिटी हास्पिटल की गतिविधियों से रोजाना जुड़े रहे है। इनकी भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता है । हालांकि पुलिस पुरे मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। ताकि पूरी सच्चाई सामने आए और दोषियों पर कार्रवाई की जा सके।
रिमांड मिलते ही होगी पूछताछ
न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर होने की बात कहकर पुलिस के आवेदन स्वीकार नहीं किया गया इसके चलते पुलिस के द्वारा पूछताछ के मसले पर देरी अवश्य ही हुई है । निश्चित रूप से रिमांड मिलने के बाद गिरफ्तार नक्सली के साथ-साथ नक्सली को अस्पताल बेमेतरा तक लाने वाले सूत्र और आंख मूंद कर फर्जी नाम से भर्ती करने के वाले जिम्मेदार व्यक्तियों से पूछताछ होगी।