बिलासपुर जिले के दूरदराज के स्कूलों में पदस्थ 204 शिक्षकों का अटैचमेंट आदेश को जिला शिक्षा अधिकारी ने निरस्त कर दिया है। उन्हें तत्काल ही रिलीव करने के आदेश जारी किए गए हैं। यह सारी कवायद राज्य सरकार के फरमान के बाद की जा रही है। शिक्षक पोस्टिंग घोटाला उजागर होने के बाद पता चला था कि जिले में बड़ी संख्या में शिक्षकों का अटैचमेंट किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक ने बताया कि शासकीय स्कूलों में अटैच शिक्षकों की जानकारी तैयार की गई। तब पता चला कि जिले में 204 शिक्षकों को दूसरे स्कूलों के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, विकासखंड शिक्षा अधिकारी और राजीव गांधी शिक्षा मिशन के साथ ही संकुल केंद्रों में अटैच किया था। ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कर अब उन्हें उनके मूल जगहों के लिए रिलीव करने का आदेश दिया गया है।
मनचाहे जगहों में पदस्थ हो गए थे सभी वर्ग के शिक्षक
बताया जा रहा है कि अटैच शिक्षकों में सर्वाधिक 162 सहायक शिक्षक हैं। इसी तरह सहायक शिक्षक एलबी और शिक्षकों की संख्या 30 है। इसके साथ ही 11 लेक्चरर और लेक्चरर एलबी के साथ ही एक हेडमास्टर अटैच हैं। इन शिक्षकों को अधिकारियों ने पूर्व में उनके दूरस्थ स्कूलों के बजाए उनके मनचाही जगहों में अटैच कर दिया था।
पोस्टिंग घोटाले के बाद उजागर हुआ था अटैचमेंट का खेल
दरअसल, जिले में हाल ही में शिक्षक पोस्टिंग घोटाला उजागर हुआ, तब पता चला कि पोस्टिंग के नाम पर लेनदेन करने के आरोपी शिक्षक नंदकुमार साहू और योगेश पांडेय ऑफिस काम के बहाने स्कूल के बजाए अटैचमेंट में दफ्तर में काम कर रहे थे। राज्य शासन तक इस बात की जानकारी पहुंची, तब स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले माह पत्र जारी कर संलग्न शिक्षकों को उनके मूल स्कूल के लिए कार्यमुक्त करने का आदेश जारी किया।
एकल शिक्षकीय स्कूल के टीचर नहीं होंगे कार्यमुक्त
जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि इनमें यदि कोई स्कूल एक शिक्षकीय होगा तो उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को एकल शिक्षक का उसी स्कूल के लिए स्थानांतरण प्रस्ताव बनाकर अनुशंसा के साथ पत्र भेजने को कहा गया है। ताकि, ऐसे शिक्षकों की वहां नियमित पोस्टिंग की जा सके।
अटैचमेंट खत्म कर छवि सुधारने की कोशिश
शिक्षा विभाग में बिलासपुर जिले की बदनामी का दाग धोने के लिए शिक्षकों के अटैचमेंट खत्म करने का आदेश जारी कर दिया गया है। हालांकि कहा जा रहा है कि यह आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित रहेगा। बहुत से अटैच शिक्षक पढ़ाना छोड़कर कम्प्यूटर कार्य के बहाने अटैचमेंट में चल रहे हैं और दफ्तर का काम निपटा रहे हैं। ऐसे में इन शिक्षकों को रिलीव करने पर भी सवाल उठ रहे हैं।


