Tuesday, August 12, 2025

ट्रेनों की बंदी पर भड़का गुस्सा, रेलमंत्री का फूंका पुतला:सड़क पर उतरे लोग; मालगाड़ियां रोककर कोयला परिवहन बंद करने की चेतावनी

बिलासपुर जोन की 36 ट्रेनों को बंद कर रेलवे ने यात्रियों की मुसीबतें बढ़ा दी है। इससे लोगों में खासा आक्रोश है। बुधवार को नाराज छात्र युवा नागरिक जोन संघर्ष समिति के बैनर तले लोगों ने तारबाहर चौक में केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का पुतला फूंका और बंद की गई ट्रेनों को शुरू करने की मांग की। आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर कोयला परिवहन के नाम पर इस तरह से ट्रेनों को बंद कर रही है। उन्हें पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना है। समिति के पदाधिकारियों ने ट्रेनें बहाल नहीं करने पर रेल रोको आंदोलन कर कोयला लदान रोकने की चेतावनी दी है।

पिछले दो महीनों से लगातार ट्रेनों को रद्द किए जाने की वजह से पीक सीजन में यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। जिसे देखते हुए लगातार विरोध हो रहा है। शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रेलवे जोन के महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर ट्रेनें शुरू करने और स्टॉपेज बढ़ाने की मांग की जा रही है। फिर भी रेलवे प्रशासन को आम लोगों की सुविधाओं से कोई सरोकार नहीं है। यही वजह है कि कोयला परिवहन के नाम पर यात्री ट्रेनों को बंद किया जा रहा है। अभी हाल में रेलवे ने फिर से 36 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है, जिसके कारण यात्रियों को काफी दिक्कतें हो रही है।

रेलवे का उद्देश्य जनसेवा से बदल कर लाभ कमाना हो गया है
छात्र युवा जोन संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार और रेलवे पर जमकर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि पहले भारतीय रेल आमजनों को सुविधाएं मुहैया उपलब्ध कराने के लिए काम करता था। लेकिन, अब उद्देश्य बदल गया है और पूंजीपतियों के लाभ कमाने का जरिया बन गया है। यही वजह है कि मालगाड़ी चलाने के नाम पर यात्री सुविधाओं की बलि दी जा रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिलासपुर की जनता को अपनी हक की लड़ाई लड़ना आता है, जिस तरह से हमने रेलवे जोन के लिए आंदोलन किया और अपना हक हासिल किया। वैसे ही जन सुविधाओं के लिए शहर की जनता अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। रेलवे शहर की जनता की धैर्य की परीक्षा न लें, नहीं तो रेलवे जोन आंदोलन की तरह जन आंदोलन करने के लिए हमे बाध्य होना पड़ेगा।

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