Monday, August 11, 2025

जगदलपुर मेडिकल कॉलेज का बर्न वार्ड 2 साल से बंद:पंखे के नीचे मरीजों का उपचार; अफसर बोले- कोरोना के चलते बंद किया, पर अच्छी सुविधा दे रहे

बस्तर के सबसे बड़े डिमरापाल मेडिकल कॉलेज (मेकाज) में बर्न यूनिट पिछले 2 सालों से बंद पड़ा है। बताया जा रहा है कि कोरोना की वजह से इसे बंद रखा गया था। जिस फ्लोर में बर्न यूनिट है उसके आस-पास के वार्डों को कोविड वार्ड बनाया गया था। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि बर्न पेशेंट को एयरकंडीशनर छोड़ पंखे की हवा में रखा जा रहा है। जिससे पेशेंट को काफी परेशानी हो रही है। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद भी बर्न यूनिट को शुरू कराने जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।

मेकाज अधीक्षक टिंकू साहू ने कहा कि पिछले 2 सालों में जितने भी बर्न पेशेंट आए थे उनका अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही डॉक्टरों की देखरेख में पूरा इलाज किया गया है। जो ठीक भी हुए हैं। उन्हें वही फैसिलिटी दी गई जो बर्न यूनिट में है। कोरोना महामारी अब कम हो गई है। अब अस्पताल की सारी व्यवस्था पहले जैसे ही की जाएगी। 1-2 दिनों के अंदर बर्न यूनिट को फिर से शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल अस्पताल में बर्न केस के जिन मरीजों का उपचार चल रहा है या फिर को नए केस आएंगे उनका अब बर्न यूनिट में ही इलाज होगा।

10 बेड का है बर्न यूनिट
डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में 10 बेड का बर्न यूनिट है। मेकाज के इसी बर्न यूनिट में पूरे बस्तर संभाग के बर्न पेशेंट को लाकर रखा जाता है। हालांकि, कुछ दिनों पहले बर्न यूनिट के बेड को बढ़ाने की मांग भी उठी थी। लेकिन, इस पर किसी जिम्मेदार ने ध्यान नहीं दिया। बर्न के ज्यादातर पेशेंट ठंड के समय आते हैं। क्योंकि ग्रामीण अंचलों में लोग घर के बाहर आग जलाकर सोते हैं। ऐसे में कई बार ग्रामीण आग से झुलस जाते हैं।

साल 2021 से अब तक 148 पेशेंट हुए हैं एडमिट
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक टिंकू साहू ने बताया कि साल 2021 से 31 मार्च 2022 तक कुल 148 बर्न के केस आए हैं। इनमें से साल 2021 में ही 118 केस थे। साल 2022 में जनवरी से लेकर मार्च तक कुल 30 केस आए हैं। बर्न के अब भी कुछ मरीज मेकाज में भर्ती हैं, जिनका डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है।

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