मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व में हुई तीरंदाजी प्रतियोगिता विवादों में आ गई है। वन विभाग की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता के दौरान आदिवासियों के तीर-धनुष भी सरेंडर कराए गए थे। तब इसे तीर-धनुष समर्पण अभियान नाम दिया गया था। अब बैगा आदिवासियों ने प्रतियोगिता के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। साथ ही 10 दिन में तीर-धनुष नहीं लौटाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
दरअसल, ATR के सुरही वन परिक्षेत्र में करीब 17 दिन पहले इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें आस-पास के गांव के लोग शामिल हुए थे। धनुष-बाण समर्पण कार्यक्रम के तहत ही यहां पहले तीरंदाजी प्रतियोगिता हुई। इसमें सुरही के 5, निवासखार के 27 और राजक गांव के 15 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद 47 प्रतिभागियों ने अपने तीर-धनुष वन विभाग को सौंप दिए। तब इसे जागरूकता का नाम दिया गया था।
इसको लेकर ATR संघर्ष समिति के कार्यकारिणी अध्यक्ष दिलहरण टेकाम ने कहा केवल तीरंदाजी प्रतियोगिता ही हुई है। वहां पर किसी भी प्रकार का तीर-धनुष समर्पण नहीं हुआ है। उसे जब्त किया गया है। वन विभाग ने अपनी वाहवाही के लिए मीडिया को झूठी जानकारी दी है। इससे आदिवासियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है और जिन लोगों से तीर-धनुष समर्पण करवाया गया है, वह किसी भी प्रकार का शिकार नहीं करते हैं।
संघर्ष समिति के कार्यकारिणी अध्यक्ष दिलहरण टेकाम ने चेतावनी दी है कि 10 दिन में उनकी मांग पूरी नहीं की गई और ससम्मान तीर-धनुष नहीं लौटाए गए तो संघर्ष समिति के सदस्य और वनांचल के आदिवासी वन परिक्षेत्र रेंज ऑफिस का घेराव व अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराएंगे। इसे लेकर समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री, वनमंत्री, मुंगेली कलेक्टर सहित विभाग के डीएफओ को लिखित में ज्ञापन भी सौंपा है।