भारतीय कुश्ती संघ (WFI) और रेसलर्स के बीच विवाद को 55 दिन बीत चुके हैं। इस विवाद की जांच के लिए बनी ओवरसाइट कमेटी की टाइमलाइन 8 मार्च को पूरी हो चुकी है। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कमेटी सोमवार को अपनी रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंप सकती है। सूत्रों के मुताबिक WFI अध्यक्ष पर सेक्सुअल हरासमेंट के गंभीर आरोप लगाने वाले रेसलर्स कमेटी को इसके सबूत नहीं दे पाए हैं।
भास्कर ने इस मुद्दे पर जांच कमेटी की अध्यक्ष बॉक्सर मैरीकॉम से भी बात करने की कोशिश की मगर उन्होंने इनकार कर दिया। मैरीकॉम के असिस्टेंट ने बताया कि अभी इन्वेस्टिगेशन चल रही है, इसलिए वह इस मुद्दे पर किसी से कोई बात नहीं करना चाहतीं। इस मुद्दे पर रेसलर, जांच कमेटी मेंबर और खेल मंत्रालय के अधिकारी भी खुलकर कुछ नहीं कह रहे।
18 जनवरी को रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पुनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान विनेश फोगाट ने रोते हुए आरोप लगाए कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं। विनेश ने यह भी कहा कि बृजभूषण खिलाड़ियों के होटल में रुकते थे, जो नियमों के खिलाफ है। टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद WFI के अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का कहा।
सांसद की सफाई, आरोप सही हुए तो फांसी पर लटक जाऊंगा
इसी दिन संघ अध्यक्ष बृजभूषण सामने आए। उन्होंने कहा- किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं हुआ है। अगर हुआ है तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। उन्होंने धरने को स्पॉन्सर्ड बताते हुए इसके पीछे हरियाणा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को बताया था। उन्होंने कहा था कि अब ये खिलाड़ी नेशनल लेवल पर भी खेलने योग्य नहीं रहे हैं।


