Monday, December 8, 2025

गरियाबंद में अनूठी परंपरा: ऋषि पंचमी पर जहरीले सांपों की शोभायात्रा निकाल कर जंगल में छोड़ा

ऋषि पंचमी के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक बेहद ही अनोखी और साहसी परंपरा देखने को मिली। यहां सांवरा समुदाय के लोगों ने जहरीले सांपों की शोभायात्रा निकाली और विधिवत पूजन करने के बाद उन्हें जंगल में वापस छोड़ दिया। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इस समुदाय के लोग सांपों को पूजकर प्रकृति के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हैं।

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इस अनूठी परंपरा के तहत, सांवरा समाज के सदस्य ऋषि पंचमी के दिन जंगल से विषैले सांपों को पकड़कर लाते हैं। इनमें नाग (कोबरा), करैत और अन्य जहरीले सांप शामिल होते हैं। वे इन सांपों को टोकरियों और मटकों में रखकर पूरे गांव में शोभायात्रा निकालते हैं। इस दौरान लोग भक्ति गीत गाते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि इस पूजा से गांव में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सांपों के काटने से बचाव होता है।

शोभायात्रा के समापन के बाद, एक सार्वजनिक स्थल पर सांपों का पूजन किया जाता है। पूजा के दौरान, समुदाय के लोग सांपों को दूध और प्रसाद अर्पित करते हैं। यह पूरा आयोजन बेहद सावधानी के साथ किया जाता है ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना न हो। पूजा समाप्त होने के बाद, इन सभी सांपों को वापस सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ दिया जाता है, जहां वे उनके प्राकृतिक आवास में वापस जा सकें।

यह परंपरा न केवल इस समुदाय की अटूट आस्था को दर्शाती है, बल्कि प्रकृति और वन्य जीवों के प्रति उनके गहरे सम्मान को भी उजागर करती है। यह एक दुर्लभ उदाहरण है कि कैसे मनुष्य और वन्य जीव एक दूसरे के साथ शांति और सद्भाव से सह-अस्तित्व में रह सकते हैं।

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