वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों समेत सभी अवैध प्रवासियों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। ट्रंप प्रशासन ने सेल्फ-डिपोर्टेशन (स्वेच्छा से देश छोड़ने) पर दी जाने वाली वित्तीय प्रोत्साहन राशि को 1,000 डॉलर से बढ़ाकर 3,000 डॉलर कर दिया है। इसके साथ ही, तय समयसीमा के भीतर पंजीकरण कराने वाले प्रवासियों को अपने देश लौटने के लिए मुफ्त हवाई टिकट भी दिया जाएगा।
अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि जो अवैध प्रवासी 31 दिसंबर से पहले CBP One ऐप के माध्यम से सेल्फ-डिपोर्टेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करेंगे, वे 3,000 डॉलर नकद प्रोत्साहन, सरकार द्वारा प्रायोजित यात्रा और वीजा अवधि से अधिक रुकने पर लगने वाले नागरिक जुर्मानों व दंडों की माफी के पात्र होंगे।
छत्तीसगढ़ पुलिस में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 95 ASP–DSP अधिकारियों के तबादले
योजना में शामिल न होने पर सख्त कार्रवाई
DHS ने साफ चेतावनी दी है कि जो अवैध प्रवासी इस योजना का लाभ नहीं उठाएंगे, उन्हें गिरफ्तार कर निर्वासित किया जाएगा। इसके अलावा, भविष्य में अमेरिका में प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध भी लगाया जाएगा। विभाग ने सेल्फ-डिपोर्टेशन को तेज, मुफ्त और आसान प्रक्रिया बताया है, जिसमें प्रवासियों को केवल CBP One ऐप डाउनलोड कर अपनी जानकारी जमा करनी होगी, जबकि यात्रा की पूरी व्यवस्था सरकार करेगी।
लाखों लोग पहले ही लौट चुके
DHS के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक करीब 19 लाख अवैध प्रवासी स्वेच्छा से अमेरिका छोड़ चुके हैं। इनमें से कई लोगों ने CBP Home कार्यक्रम का उपयोग किया है। अधिकारियों ने बताया कि योजना में शामिल लोगों को ओवरस्टे से जुड़े नागरिक दंडों से राहत भी मिल रही है।
गृह सुरक्षा सचिव की कड़ी चेतावनी
अमेरिकी गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा कि अमेरिकी करदाता अब स्वेच्छा से देश छोड़ने के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि तीन गुना कर रहे हैं। उन्होंने इसे सीमित समय का अवसर बताते हुए कहा,
“अवैध प्रवासियों को इस मौके का फायदा उठाकर सेल्फ-डिपोर्टेशन कर लेना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो हम उन्हें ढूंढेंगे, गिरफ्तार करेंगे और वे कभी अमेरिका वापस नहीं आ पाएंगे।”
2026 में और सख्ती की तैयारी
अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि 2026 में आव्रजन अभियान को और सख्त किया जाएगा। इसके तहत अरबों डॉलर की नई फंडिंग, हजारों नए आव्रजन अधिकारियों की भर्ती, हिरासत क्षमता का विस्तार और अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान के लिए निजी कंपनियों की मदद लेने की योजना शामिल है।


