राजनांदगांव। डोंगरगढ़ के करवारी रोड पर मिली खून से लथपथ लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस पूरी घटना का मास्टर माइंड मृतक का दोस्त निकला जो कि पेशे से एक ठेकेदार है। उसने अपने भांजे व एक अन्य की सहायता से इस हत्याकांड को अंजाम दिया। खास बात यह है कि हत्या की वजह उधार के पैसे न चुकाने को लेकर हुई। ढाई लाख की उधारी के लिए पांच लाख रुपए की सुपारी दे दी। फिलहाल डोंगरगढ़ पुलिस ने आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।बता दें दो दिन पहले डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र में अज्ञात लाश मिली थी। शुरुआती जांच में हत्या का मामला सामने आया। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। मृतक की पहचान कन्हारगांव निवासी देवलाल मण्डावी के रूप में हुई, जिसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। चेहरा कुचलकर पहचान मिटाने की कोशिश की गई, ताकि मामला अंधे कत्ल की शक्ल ले सके। लेकिन डोंगरगढ़ पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी महज 48 घंटे में सुलझाकर बड़ी सफलता हासिल की है।पुलिस की जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता कोई और नहीं, बल्कि देवलाल का पुराना दोस्त ओमकार मण्डावी था, जो पेशे से ईंट भट्टे का ठेकेदार है। देवलाल ने ओमकार से करीब ढाई लाख रुपए उधार लिए थे, और जब पैसे की वापसी की मांग की गई तो देवलाल न सिर्फ झगड़ता, बल्कि फर्जी केस में फंसाने की धमकी भी देने लगा। इसी से आक्रोशित होकर ओमकार ने देवलाल को रास्ते से हटाने की ठान ली। ओमकार ने अपने भांजे महेन्द्र नेताम को इस साजिश में शामिल किया। महेन्द्र ने अपने करीबी योगेश चौरे से संपर्क किया और हत्या का प्रस्ताव रखा।