छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मुलाकात की। राज्यपाल सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिली थीं। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच राज्य के मामले पर चर्चा हुई। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है, राज्यपाल वहां गई हैं तो राष्ट्रपति को आरक्षण विधेयकों को नवी अनुसूची में शामिल करने के लिए कन्विंस करना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राज्यपाल ने इस दौरान राष्ट्रपति को प्रदेश की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। बताया जा रहा है कि दोनों संवैधानिक प्रमुखों के बीच छत्तीसगढ़ के आरक्षण संशोधन विधेयक पर भी बात हुई है। हालांकि राजभवन ने इस बातचीत की अधिकृत जानकारी नहीं दी है।
राजभवन की ओर से कहा गया है, राज्यपाल ने 12 जनवरी 2023 को प्रदेश के प्रतिष्ठित शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर के स्थापना के 75वें वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित ‘हीरक जयंती समारोह’ में राष्ट्रपति को आमंत्रित किया है। इसके अलावा रायपुर स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह तथा मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम की आदिवासी शिव संस्कृति समिति की ओर से 12 से 18 फरवरी तक प्रस्तावित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया। राष्ट्रपति ने अपने निर्धारित कार्यक्रमों के अनुरूप यथासंभव आने की बात कही। राज्यपाल ने राष्ट्रपति को छत्तीसगढ़ राजभवन की त्रैमासिक पत्रिका ‘एक आशा’ की प्रति भी भेंट की।
मुख्यमंत्री बोले, वे संवैधानिक प्रमुख इसलिए जिम्मेदारी भी अधिक
राज्यपाल अनुसूईया उइके के राष्ट्रपति और केंद्रीय गृह मंत्री आदि से मुलाकात के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, राज्यपाल वहां गई हैं तो उन्हें कहना चाहिए कि इस कानून को नवीं अनुसूची में भी शामिल करें। यहां आकर विधेयकों पर दस्तखत करें और राष्ट्रपति के पास भेजें अनुसूची 9 में शामिल कराने के लिए। वे हमारी संवैधानिक प्रमुख हैं, इसलिए उनकी जिम्मेदारी अधिक है। वह राष्ट्रपति को इसके लिए तैयार करके आएं। छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और EWS के हितों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति को कन्वींस करके आएंगी, ऐसा मैं मानता हूं और मुझे उम्मीद है।


