यूक्रेन पर रूस के हमले का आज छठवां दिन है। एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत चल रही है। दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी न्यूक्लियर फोर्सेज को हमले के लिए अलर्ट कर दिया है। सबके मन में सवाल उठ रहा है कि अब पुतिन का अगला कदम क्या होगा? ये संशय इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि सभी की उम्मीदों से उलट फैसले लेकर पुतिन चौंकाते रहे हैं।
मसलन- लोग मानते थे कि क्रीमिया पर कब्जा नहीं करेंगे, लेकिन पुतिन ने किया। लोग मानते थे कि वो कभी डोनबास में युद्ध नहीं छेड़ेंगे, लेकिन पुतिन ने किया। लोग कहते थे कि वो कभी यूक्रेन पर फुल फ्लेज्ड वॉर नहीं शुरू करेंगे, लेकिन 24 फरवरी की सुबह पुतिन ने हमले का ऐलान कर दिया।
पुतिन का शुरुआती जीवन बेहद साधारण था। उनके पिता सोवियत नेवी में काम करते थे और मां फैक्ट्री में मजदूर थीं। आमतौर पर बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं, लेकिन पुतिन ने कॉलेज की पढ़ाई से पहले ही ठान लिया था कि उन्हें जासूस बनना है। पढ़ाई पूरी करते ही वो सोवियत खुफिया एजेंसी केजीबी में शामिल हो गए।
केजीबी में ट्रेनिंग के दौरान केजीबी के एक अधिकारी ने पुतिन के अंदर ‘डिमिनिश सेंस ऑफ डेंजर’ पाया। यानी आमतौर पर लोग जिसे बड़ा खतरा समझते हैं, पुतिन के लिए वो आम बात है। पुतिन अपनी बायोग्राफी में भी इस बात को स्वीकार करते हैं। पुतिन के इस स्वभाव ने पिछले 14 साल में तीन हमले किए हैं। पुतिन ने नतीजों की चिंता किए बिना जॉर्जिया, क्रीमिया और अब यूक्रेन पर धावा बोल दिया है।
अपनी बायोग्राफी में पुतिन युवावस्था का एक किस्सा बताते हैं। यूनिवर्सिटी के दिनों में पुतिन अपने मार्शल आर्ट कोच के साथ कार से जा रहे थे। रास्ते में सूखी घास से भरा एक ट्रक गुजरा। पुतिन कार को ट्रक के बगल लगाकर घास निकालने लगे और उनकी कार बेकाबू हो गई। किसी तरह कार पर काबू पा सके। कोच ने पूछा इतना रिस्क क्यों लिया। पुतिन ने जवाब दिया घास की महक ऐसी थी कि रहा नहीं गया।
साल 2015 में पुतिन ने अपने यूनिवर्सिटी के दिनों को याद करते हुए कहा था कि, ‘आज से 50 साल पहले लेनिनग्राद की सड़कों की मार-पिटाई ने मुझे यह सिखाया कि जब लड़ाई होनी तय है, तो पहला पंच खुद मारो’। पिछले 14 साल में तीन हमले करके वो कुछ ऐसा ही करते दिखाई देते हैं।
पुतिन चीजों को गोपनीय रखने और सबसे चौंकाने में यकीन रखते हैं। पुतिन के परिवार और संपत्ति तक के बारे में ज्यादा सार्वजनिक जानकारी नहीं है। पुतिन के परिवार की ज्यादा जानकारी हासिल करने पर न्यूज एजेंसी रायटर ने एक जांच तक करवाई थी। गोपनीयता रखने की ये आदत उनको केजीएफ के दिनों से है।
पुतिन ने चार महीने की तैयारी के बाद यूक्रेन पर तीन तरफ से हमला किया था। पुतिन का प्लान था कि यूक्रेन की जेलेंस्की सरकार को जल्द से जल्द आत्मसमर्पण कराया जाए और यूक्रेन पर कठपुतली सरकार बिठा दी जाए, लेकिन मौजूदा हालात प्लान के मुताबिक नहीं हैं। यूक्रेन के प्रतिरोध की वजह से पिछले पांच दिनों से जंग जारी है और रूस को भी काफी नुकसान हुआ है।
पुतिन के पास अब तीन रास्ते बचे हैं…
पहलाः बातचीत की मेज पर यूक्रेन से बातें मनवा ली जाएं और हमले रोक दिए जाएं।
दूसराः राजधानी कीव पर कब्जा जमाकर कठपुतली सरकार बनाने की कोशिश की जाए
तीसराः जंग का स्केल बढ़ाकर यूक्रेन की मदद कर रहे देशों पर भी हमले शुरू किए जाएं
पुतिन किस हद तक जा सकते हैं?
24 फरवरी को यूक्रेन पर स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का ऐलान करते वक्त पुतिन ने कहा था कि, ‘बीच में बाहर का कोई भी अगर दखल देने की सोचेगा तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। ऐसे परिणाम जो उसने इतिहास में कभी नहीं देखे होंगे।’ एक्सपर्ट्स ने माना कि पुतिन सीधे नाटो को परमाणु हमले की धमकी दे रहे थे।
पुतिन किस हद तक जा सकते हैं ये समझने के लिए 2018 में आई एक डॉक्यूमेंट्री में राष्ट्रपति पुतिन की टिप्पणी सुननी चाहिए। पुतिन ने कहा था, ‘अगर कोई रूस का सफाया करने का फैसला करता है तो हमें जवाब देने का कानूनी अधिकार है। हां, ये मानवता और दुनिया के लिए आपदा होगी, लेकिन मैं रूस का नागरिक हूं और इस देश का राष्ट्रपति भी। हमें ऐसी दुनिया की जरूरत क्यों है जिसमें रूस न हो?’