Surajpur Elephant Attack : सूरजपुर। जिले के भटगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत चिकनी धरमपुर में रविवार देर रात एक दर्दनाक घटना सामने आई। एक भटके हुए एकाकी हाथी ने गुड़ की गंध से आकर्षित होकर एक अस्थायी झोपड़ी को तोड़ दिया। इस हमले में 40 दिन के नवजात बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके माता-पिता किसी तरह जान बचाकर बाहर निकलने में सफल रहे।
गुड़ फैक्ट्री के पास अस्थायी झोपड़ी में रह रहा था प्रवासी परिवार
जानकारी के अनुसार, पीड़ित परिवार उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के कोटेसरा थाना क्षेत्र के ग्राम लोकरा का रहने वाला है। प्रवासी मजदूर ज्ञानी अपनी पत्नी और नवजात बच्चे के साथ सूरजपुर में गुड़ फैक्ट्री में मजदूरी करने आया हुआ था।परिवार फैक्ट्री के पास ही लगी अस्थायी झोपड़ी में रह रहा था। देर रात लगभग 1 बजे, सोनगरा जंगल की ओर से भटका हुआ हाथी गुड़ की तेज गंध से आकर्षित होकर झोपड़ी की तरफ पहुंच गया।
झोपड़ी तोड़कर अंदर घुसा हाथी, नवजात की मौके पर मौत
हाथी ने अचानक झोपड़ी को तोड़ दिया। इस दौरान दंपती घबरा कर किसी तरह बाहर निकल गए, लेकिन उनका 40 दिन का नवजात बच्चा हाथी के पैरों तले कुचल गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।घटना के बाद आसपास के ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी।
सूचना के बाद भी देर से पहुंचा वन विभाग, ग्रामीणों में रोष
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की धीमी प्रतिक्रिया और चेतावनी व्यवस्था की कमी के कारण यह हादसा हुआ।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि—“वन विभाग हमेशा घटना के बाद औपचारिकता पूरी करने पहुंचता है, लेकिन रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाता।” लंबे इंतजार के बाद जब विभागीय टीम मौके पर पहुंची, तो उन्होंने नियम अनुसार मृतक परिवार को ₹25,000 की तत्काल सहायता राशि प्रदान की।
मानव–हाथी संघर्ष बना बड़ी चुनौती
सूरजपुर, बलरामपुर और सरगुजा क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से हाथियों का निवास घनी आबादी वाले इलाकों के पास बढ़ गया है।जंगल से भटके हाथियों द्वारा
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फसलों को नुकसान,
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घरों को तोड़ना
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और जनहानि जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि विभाग को अर्ली वार्निंग सिस्टम, तेज रेस्क्यू रिस्पॉन्स, और हाथी मूवमेंट की समय पर जानकारी देने की व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए।


