डिजिटल पेमेंट की सुविधा मुहैया कराने वाली फिनटेक कंपनी पेटीएम ने जब अपने आईपीओ के साथ बाजार में कदम रखा तो सभी ने इसे हाथोंहाथ लिया. कंपनी का आईपीओ देश में अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में से एक था, लेकिन कंपनी की किताबें कुछ और ही कहानी कहती हैं. चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी ने एक बार फिर घाटा दिखाया है.पेटीएम के स्वामित्व वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने शेयर बाजार को सूचित किया कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में उसका समेकित घाटा 392 करोड़ रुपये रहा. हालांकि यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में हुए 779 करोड़ रुपये के नुकसान से काफी कम है.
पेटीएम का कहना है कि इस दौरान उसके ऑपरेटिंग प्रॉफिट में सुधार हुआ है। यह 424 करोड़ रुपए हो गया है. कंपनी के मार्जिन में भी सुधार हुआ है, जो रेवेन्यू का 2 फीसदी है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह माइनस 27 फीसदी था यानी मार्जिन पर 27 फीसदी का घाटा हुआ था.
कंपनी के सीईओ विजय शेयर शर्मा ने एक बयान में कहा कि वह कंपनी का परिचालन लाभ पाकर खुश हैं. इस बीच उम्मीद की जा रही है कि कंपनी के वित्तीय आंकड़ों में हुए इस सुधार की वजह से सोमवार को कंपनी के शेयर तेजी के रुख के साथ खुल सकते हैं.
पेटीएम शेयर आईपीओ कीमत से काफी कम है
पेटीएम का आईपीओ 8 नवंबर 2021 को आया था. कंपनी ने इसके लिए प्रति शेयर की कीमत 2150 रुपये तय की थी. उस समय तक यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ था. हालांकि, जब कंपनी का शेयर शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुआ था, तब इसकी कीमत 1,564 रुपये प्रति शेयर थी. यानी यह 27 फीसदी की गिरावट के बाद शेयर बाजार में लिस्ट हुआ था.
इस समय कंपनी के शेयर की कीमत नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 524.95 रुपए है. यह अपने लिस्ट प्राइस से करीब 66 फीसदी कम है. वहीं, बीते शुक्रवार को कंपनी का शेयर एक ही दिन में करीब 4 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है.