Sunday, December 14, 2025

SCO में मोदी का संबोधन:PM बोले- भारत में 70 हजार स्टार्टअप, 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न.. हम अनुभव साझा करने को तैयार

उज्बेकिस्तान के समरकंद में हो रही शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन यानी SCO की बैठक का पहला राउंड खत्म हुआ। इस मीटिंग में SCO के सुधार और विस्तार, रीजनल सिक्योरिटी, सहयोग, कनेक्टिविटी को मजबूत करने और व्यापार को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। इस दौरान PM मोदी ने कहा- भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और विश्वास का समर्थन करता है।

उन्होंने कहा- दुनिया कोविड महामारी से उबर रही है। यूक्रेन क्राइसिस और कोरोना की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन में कुछ दिक्कतें आई हैं। विश्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है। SCO देशों के बीच सप्लाई चेन विकसित करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है।

PM मोदी ने कहा- इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुझे खुशी है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
PM मोदी ने कहा- इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुझे खुशी है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

टेक्नोलॉजी पर फोकस है
हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं। भारत का युवा और वर्क फोर्स उसे स्वाभाविक रूप से कम्पेटेटिव बनाता है। अर्थ व्यवस्था में 75% वृद्धि की आशा है, जो दुनिया की बड़ी इकोनॉमी में सबसे ज्यादा है। टेक्नोलॉजी के उचित उपयोग पर भी फोकस दिया जा रहा है। हम इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं। भारत में 70 हजार से अधिक स्टार्टअप हैं, इनमें 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। हम नए स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके SCO सदस्यों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।

2023 होगा ईयर ऑफ मिलेट्स
विश्व आज एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है, वो है नागरिकों की खाद्य सुरक्षा निश्चित करना। इसका समाधान मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देना है। ये विश्व के कई हिस्सों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है। ये खाद्य का उत्तम साधन है। 2023 को ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जाएगा। भारत विश्व के मेडिकल टूरिज्म के लिए सबसे उचित डेस्टिनेशन है। हमने गुजरात में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया। हमें SCO देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए। भारत इसके लिए पहल करेगा।

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