भुवनेश्वर, देश के चार प्रमुख धाम में से एक है पुरी का जगन्नाथ धाम। महाप्रभु की एक झलक पाने के लिए यहां हर दिन हजारों की संख्या में भक्त देश के कोने-कोने से आते हैं। एशिया के सबसे बड़े थाने के जिम्मे महाप्रभु के मंदिर की सुरक्षा जिम्मेदारी है। लगभग 16 पुलिस कर्मचारी जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार पर बंदूक लेकर सुरक्षा में व्यवस्था में चौबीस घंटे तैनात रहते हैं। बावजूद इसके मात्र एक व्यक्ति द्वारा महाप्रभु के पाकशाला में बने 40 चूल्हों को तोड़ दिए जाने को लेकर पुरी जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। घटना के बाद प्रशासन द्वारा की गई एक व्यक्ति की गिरफ्तारी को भी लोग आसानी से हजम नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में पिछले दिनों हुए घटनाक्रम, मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पड़ताल करते हुए पुरी से लक्ष्मी पटनायक एवं भुवनेश्वर से शेषनाथ राय की विस्तृत रिपोर्ट–
पुरी जगन्नाथ मंदिर में लगाए गए 135 सीसीटीवी कैमरों में से मात्र 6 कैमरे काम कर रहे हैं। बाकी 129 कैमरा खराब है। 2011 में पुरी जगन्नाथ मंदिर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों को ठीक करने एवं इसके रखरखाव के लिए 81 लाख रुपया बजट की व्यवस्था की गई थी। इस राशि की व्यवस्था एक साल पहले ही कर दी गई मगर सीसीटीवी कैमरा क्यों ठीक नहीं हुआ इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है। हालांकि घटनाक्रम के बाद अब यह निर्णय जरूर लिया गया है कि पुरी जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा को लेकर मासिक नहीं बल्कि साप्ताहिक बैठक होगी। सुरक्षा दायित्व में रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो ।


