Operation Sindoor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किए जाने के बाद पहली बार बयान दिया है। उन्होंने कहा, “यह देश के लिए गर्व का पल है.” पीएम मोदी ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ मीटिंग की। इस दौरान सभी कैबिनेट मंत्रियों ने सफल ऑपरेशन सिंदूर के लिए बधाई दी। इस दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है।
बदला लिया
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों से हमले करके 90 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया। पाकिस्तान पिछले कई दशकों से भारत में आतंकवाद फैलाता रहा है, जिसमें अब तक बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की जान गई है। सरकार ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक वीडियो दिखाया, जिसके जरिए बताया गया कि इस कार्रवाई के जरिए संसद हमले से लेकर पहलगाम तक छह हमलों का बदला लिया गया है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वीडियो दिखाया, जिसमें 2001 में हुए संसद हमले, 2002 में अक्षरधाम मंदिर हमला, 2008 में हुआ मुंबई हमला, 2016 का उरी हमला, 2019 का पुलवामा हमला और 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले की क्लिप थी। पिछले एक दशक में पाकिस्तान की ओर से हुए आतंकी हमलों में साढ़े तीन सौ से ज्यादा नागरिकों की जान चली गई, जबकि 800 से अधिक लोग घायल हुए। 600 से ज्यादा जवान भी शहीद हुए। वहीं, 1400 के करीब भारतीय सुरक्षाबल के जवान पाकिस्तान की ओर से हुए आतंकी हमलों में घायल हुए हैं। वीडियो में इतनी जानकारी देने के बाद बताया गया कि अब और नहीं। फिर स्क्रीन पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लिखकर सामने आया। इससे साफ है कि भारत ने पिछले दो-ढाई दशक में हुए छह आतंकी हमलों का बदला एक साथ ही ऑपरेशन सिंदूर के जरिए से ले लिया।
हालांकि, भारत इससे पहले भी पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करता रहा है। उरी हमले के बाद 29 सितंबर 2016 को, भारतीय सेना की टीमों ने पीओके में घुसकर बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया था। इसके बाद पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भी पीओके में भारतीय वायुसेना के जहाजों ने बमबारी करते हुए वहां चल रहे आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग कैंप्स को ध्वस्त कर दिए थे। इसके बाद पाक ने नापाक हरकत करते हुए पिछले महीने 22 अप्रैल को पहलगाम में लश्कर ए तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ ने आतंकियों ने हमला किया, जिसमें 26 निर्दोष भारतीयों की जान चली गई।
केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम देकर भारत ने पहलगाम जैसे सीमापार हमलों पर जवाब देने, उन्हें रोकने और धता बताने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है। सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि उसका ध्यान आतंकी ढांचे को नष्ट करने और आतंकवादियों को निष्क्रिय करने पर केंद्रित है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि ये कार्रवाई नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली और जिम्मेदाराना थीं। 22 अप्रैल के आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों और इसकी साजिश रचने वालों को न्याय के दायरे में लाना जरूरी माना जा रहा था। उन्होंने कहा, ”हमले के बाद एक पखवाड़ा गुजरने पर भी पाकिस्तान की ओर उसकी सरजमीं पर और उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र में आतंकी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई कदम उठता नहीं दिखा। इसके बजाय वह आरोप लगाने और सचाई को नकारने में लगा रहा।”