नई दिल्ली। वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने के मौके पर संसद में चल रही ऐतिहासिक बहस का आज दूसरा दिन है। बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इस चर्चा की शुरुआत की थी, जिसके बाद से देश की राजनीति में नई हलचल मच गई है। पीएम के भाषण के बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी तकरार तेज हो गई है।
राजनाथ सिंह के बाद अमित शाह का तीखा प्रहार
आज राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने वंदे मातरम् पर बोलते हुए विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि देश की एकता, सम्मान और स्वतंत्रता संग्राम की धड़कन है।
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अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा— “वन्दे मातरम् पर चर्चा की ज़रूरत वंदे मातरम् जब बनी तब भी थी, आज़ादी के आंदोलन में भी थी, आज भी है और 2047 में जब महान भारत बनेगा तब भी रहेगी।” उनके इस बयान के बाद सदन में जोरदार तालियों की गूंज सुनाई दी।
वंदे मातरम् पर सियासी जंग तेज
पीएम मोदी के लोकसभा में दिए गए संबोधन के बाद विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष पर निशाना साधा था। कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी ने कहा था कि वंदे मातरम् पर चर्चा का समय चुनावी फायदे को ध्यान में रखकर तय किया गया है।
वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि वंदे मातरम् राष्ट्र की पहचान है और इसके 150 वर्ष पूरे होने पर चर्चा होना स्वाभाविक है।
आज राज्यसभा में गरमाई बहस
दूसरे दिन की बहस में कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। गृह मंत्री अमित शाह का बयान बहस का मुख्य केंद्र रहा। उन्होंने वंदे मातरम् को “राष्ट्र-आत्मा का प्रतीक” बताया और कहा कि इसे लेकर राजनीति करना सही नहीं है।
आगे राज्यसभा में भी जारी रहेगी चर्चा
इस मुद्दे पर सियासी तापमान अभी और बढ़ने की उम्मीद है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों में अगले दिनों में कई नेता अपने विचार रखेंगे।


