नई दिल्ली : पहलगाम के बैसरन में 22 अप्रैल को आतंकियों ने बड़े नरसंहार को अंजाम दिया था और 26 पर्यटकों को उनके परिवार और बच्चों के सामने गोली मार दी थी। इस आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए कर रही है। एजेंसी ने मामला दर्ज कर लिया है और घटना वाले दिन से ही इस हमले की तहकीकात में जुट गई हैं। जांच एजेंसी ने आतंकी हमले के सबूत जुटाने के लिए कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से भी पूछताछ की है, जिसमें खुलासा हुआ है कि आतंकियों ने इस नरसंहार की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग की थी। इसके लिए उन्होंने अपने शरीर पर बॉडी कैमरे लगा रखे थे।
एनआईए की टीम लगातार कर रही पूछताछ
एनआइए से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने इस आतंकी हमले को लेकर जम्मू में केस दर्ज किया है और अनौपचारिक तौर से जांच हमले वाले दिन यानी मंगलवार से ही शुरू कर दी थी। घटना वाले दिन ही स्थानीय पुलिस को लेकर आईजी के नेतृत्व में जांच एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची थी और टीमें तब से लेकर अब तक घटनास्थल पर ही मौजूद हैं। जांच टीमें पहलगाम के बैसरन में प्रवेश और बाहर जाने वाले सभी रास्तों की बारीकी से जांच कर रही हैं।
एनआई ने दी अहम जानकारी
एनआईए के अधिकारी ने बताया कि इस नृशंस आतंकी हमले की शुरुआती जांच से संकेत मिलता है कि इसमें शामिल आतंकियों की संख्या पांच से सात के बीच हो सकती है और आतंकियों को कम से कम दो स्थानीय लोगों ने भी मदद की थी, जिन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षण मिला था। घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं। ये तीनों पाकिस्तान के हैं और इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा हैं।
निर्मम तरीके से आतंकियों ने की हत्या
जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने सिर्फ पुरुषों की हत्या की, उनसे पहले धर्म पूछा और फिर जमीन पर बैठाकर सिर झुकाने को कहा। उसके बाद 26 लोगों को गोली मार दी। ये कश्मीर में अबतक की सबसे बड़ी आतंकी घटना है। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।