नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर पर अगले हफ्ते मंगलवार को सदन में 16 घंटे चर्चा होगी। यह विपक्षी दलों की मांग पर हो रहा है, जिन्होंने हर सप्ताह एक चर्चा सत्र आयोजित करने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति की वजह से कल यानी मंगलवार को पहलगाम पर चर्चा नहीं हो सकी। इस स्थगन को लेकर विपक्ष ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक को बार-बार रद्द करना ठीक नहीं है। गुरुवार को सदन की बैठक होगी, जिसमें निर्वतमान सांसदों को विदाई दी जाएगी। कुछ विपक्षी सांसदों ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को भी सदन में विदाई देने की चर्चा की मांग की, जिसे सत्ता पक्ष ने स्वीकार नहीं किया।
पीएम मोदी की उपस्थिति में चर्चा
विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) के घटक दल ने मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदन में उपस्थिति के लिए सरकार पर दबाव बनाने का फैसला किया। विपक्षी गठबंधन चाहता है कि प्रधानमंत्री पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कुछ अन्य प्रमुख मुद्दों पर सवालों का जवाब दें।
संसद भवन परिसर में विपक्षी दलों के सदनों के नेताओं की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, द्रमुक के टीआर बालू और कई अन्य दलों के नेता मौजूद थे।
मानसून सत्र के तीन दिन रहे हंगामेदार
बता दें कि मानसून सत्र के शुरुआती तीन दिन काफी हंगामेदार रहे। सत्र के पहले दिन जहां विपक्षी दलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा कराए जाने की मांग की, तो वहीं सत्र के दूसरे और तीसरे दिन बिहार में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाए जाने की कवायद पर हमलावर रहा। मंगलवार को बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में अंदर और बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की।