रायपुर. अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर सेवा एवं शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग को आबादी के आधार पर समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व (आरक्षण) का लाभ देने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने भूपेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा में अनुसूचित जाति, जनजाति व ईडब्लूएस को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व (आरक्षण) का पारित विधेयक का स्वागत व समर्थन करते हुए राज्यपाल को शीघ्र विधेयक पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया.
प्रतिनधिमंडल ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को क्वांटिफायबल डाटा कमीशन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ओबीसी की आबादी लगभग 42-43 प्रतिशत होने के बावजूद केवल 27 प्रतिशत प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा संभागीय नियुक्ति में भी ओबीसी समुदाय के लिए अधिकतम 27 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है, जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति व ईडब्लूएस को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान है.
प्रतिनधिमंडल ने चर्चा के दौरान राज्यपाल को अवगत कराया गया कि कई संभाग/जिला में अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 72 प्रतिशत तक भी है, किंतु उन्हें जनसंख्या के अनुपात में नहीं बल्कि अधिकतम 27 प्रतिशत प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया गया है, जो कि ओबीसी समुदाय के साथ न्याय संगत व संवैधानिक नहीं है. प्रतिनिधि मंडल ने नौकरी में ओबीसी के प्रतिनिधित्व कम होने पर भी राज्यपाल को बैकलाॅक भर्ती के माध्यम से शीघ्र नियुक्ति के लिए कार्यवाही कराने का अनुरोध किया. साथ ही आरक्षण रोस्टर पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए तमाम कानूनी पहुलूओं पर राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कराया.


