Monday, July 28, 2025

नेशनल हेराल्ड केस: ED ने कहा- किराए की रसीदें फर्जी थीं, कोर्ट ने पूछे ये सवाल

National Herald Case: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में बुधवार को बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड मामले की सुनवाई हुई। यह सुनवाई विशेष सीबीआई/ईडी न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में हुई, जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है। सुनवाई के दौरान ED ने कहा कि लोग सालों से फर्जी अग्रिम किराया दे रहे थे। किराए की रसीदें फर्जी थीं। सीनियर कांग्रेस नेताओं के निर्देश पर ही AJL को विज्ञापन का पैसा दिया गया। ED ने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी से हुई कोई भी इनकम ‘अपराध की आय’ है।

फर्जी लेन-देन का जिक्र

ED ने कहा कि कुछ दान देने वाले जो पार्टी के जाने-माने बड़े नाम और वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने किराए के रूप में कुछ राशि का भुगतान किया है, इसलिए यदि यह अपराध की आय माना जाएगा, तो उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया जाएगा? एक आरोपी सुमन दुबे ने सोनिया गांधी को शेयर ट्रांसफर किए। ऑस्कर फर्नांडीज ने राहुल गांधी को शेयर ट्रांसफर किए और राहुल ने इसे वापस ऑस्कर फर्नांडिस को भेज दिया। ये सभी फर्जी लेन-देन हैं। ये केवल कागजों पर मौजूद हैं। ED ने कहा कि 2015 तक केवल दो व्यक्ति ही लाभ लेने वालों में हैं, वो राहुल और सोनिया गांधी हैं। लाभकारी व्यक्ति वह होता है, जिसका कंपनी पर नियंत्रण है।

अपराध से प्राप्त संपत्ति

कोर्ट ने ED से पूछा, “क्या किराया, विज्ञापन की रकम आदि भी अपराध से प्राप्त संपत्ति यानी प्रोसीड ऑफ क्राइम मानी जा रही हैं।” ED की तरफ से एएसजी एसवी राजू ने कहा, “हां, जो भी धोखाधड़ी से अर्जित संपत्ति है, वह POC में आएगी।”

POC को लेकर कोर्ट का सवाल

कोर्ट ने कहा, “इन तीनों श्रेणियों को स्पष्ट रूप से POC के रूप में दिखाया नहीं गया है। इन्हें सिर्फ कुछ बिंदुओं के रूप में पेश किया गया है। किराया भी दो कैटगरी में है- 29 करोड़ और 142 करोड़। जहां 142 करोड़ को POC कहा गया है, वहीं 29 करोड़ को ऐसा नहीं कहा गया है।

कोर्ट- उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया? 

कोर्ट ने कहा, “हम ये इसलिए पूछ रहे हैं, क्योंकि कुछ दानदाता जिनके बारे में आप कह रहे हैं कि उन्होंने नकली दान दिया, वे भी उसी पार्टी के सदस्य हैं और कुछ तो प्रमुख चेहरे भी हैं। लेकिन उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है। यदि अग्रिम किराया और दान POC माने जाएं, तो क्या वे व्यक्ति रेस्पोंटेड की कैटगरी  में नहीं आएंगे।

कोर्ट के सवाल पर ईडी का जवाब

इस पर ED ने जवाब दिया, “हम इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं कि कोई संपत्ति POC में तब आती है, जब उसे प्राप्त किया जाता है या उससे पहले।” कोर्ट ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल यह समझना है कि ED किन चीजों को POC मान रही है और किन्हें नहीं।” ED ने कहा, “वर्तमान चरण में हम इन चीजों को POC मानते हैं। आगे जांच कर सकते हैं और इसे सप्लिमेंट्री चार्जशीट में शामिल किया जाएगा।” ED ने कहा कि हम इस मामले में आगे सप्लिमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल करेंगे।

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