सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 13% पदों को होल्ड करने के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि पिछले 6 सालों में इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है।
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ओबीसी महासभा के वकील वरुण ठाकुर ने बताया कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘क्या एमपी सरकार सो रही है?’ कोर्ट ने सरकार से 13% होल्ड किए गए पदों पर 6 साल से कोई कार्रवाई न करने का कारण पूछा है। यह मामला MPPSC के उन चयनित उम्मीदवारों से जुड़ा है, जिनकी नियुक्ति आरक्षण विवाद के चलते रुकी हुई है।
इस मामले में, मध्य प्रदेश सरकार ने 29 सितंबर 2022 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई है। सरकार ने कोर्ट में 27% आरक्षण देने की इच्छा जाहिर करते हुए ऑर्डिनेंस पर लगी रोक हटाने की अपील की थी।
इस पर कोर्ट ने कहा, ‘यह अजीब है कि जहां एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार के जनप्रतिनिधि ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्धता जताते हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके वकील सुनवाई के लिए देरी से पहुंचते हैं।’ यह टिप्पणी सरकार के ढीले रवैये को दर्शाती है।
अगली सुनवाई में सरकार को इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। इस मामले का नतीजा हजारों उम्मीदवारों के भविष्य को प्रभावित करेगा, जो लंबे समय से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।