Monday, December 8, 2025

MP-CG Border Naxal Operation : MP-CG सीमा पर हाई-इंटेंसिटी ऑपरेशन, सुरक्षा बलों की नजर टॉप नक्सल लीडर्स पर

MP-CG Border Naxal Operation : राजनांदगांव | 30 नवंबर 2025| मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने एक बड़ा संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया है। एमएमसी (मालकानगिरी-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन में सक्रिय बचे हुए टॉप नक्सल नेताओं की तलाश में हॉकफोर्स, डीआरजी और एसटीएफ मिलकर घने जंगलों में गश्त और सर्च अभियान चला रही हैं। हाल ही में दर्रेकसा दलम के एसजेडसी सदस्य विकास नगपुरे के 11 नक्सलियों के साथ महाराष्ट्र के गोंदिया में आत्मसमर्पण करने के बाद नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है, जिसके बाद क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियाँ और तेज हो गई हैं।

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कवर्धा–बालाघाट और साल्हेवारा–बैहर के जंगलों में कॉम्बिंग ऑपरेशन

सूत्रों के अनुसार, कवर्धा, खैरागढ़ और बालाघाट जिले के सीमावर्ती जंगलों में सुरक्षा बलों को नक्सलियों की सक्रियता के पुख्ता इनपुट मिले हैं।
ऑपरेशन का फोकस इन इलाकों में छिपे टॉप नक्सल लीडर्स पर है:

  • रामधेर (जोन प्रभारी)

  • सुरेंद्र उर्फ कबीर

  • देवचंद उर्फ चंदू

  • छोटा दीपक

  • एवं अन्य 20–24 सक्रिय नक्सली

पुलिस का उद्देश्य केवल सशस्त्र कार्रवाई नहीं बल्कि नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करना भी है।

सरेंडर के लिए संदेश भेजे, पर नक्सलियों की चुप्पी जारी

सुरक्षा एजेंसियों ने सक्रिय नक्सलियों तक आत्मसमर्पण का संदेश पहुँचाया है, लेकिन अभी तक किसी भी गुट से सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं। विकास नगपुरे ने भी जोन प्रभारी रामधेर सहित अन्य शीर्ष नेतृत्व की रणनीति की स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। सूत्रों का कहना है कि बचे हुए नक्सली फिलहाल हथियार छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं, जिसके चलते पुलिस अपने ऑपरेशन को और मजबूती से आगे बढ़ा रही है।

आईजी का बयान: “आत्मसमर्पण का स्वागत, हथियार लेकर घूमने की अनुमति नहीं”

राजनांदगांव रेंज के आईजी अभिषेक शांडिल्य ने कहा कि:

“नक्सलियों की तलाश में ऑपरेशन लगातार जारी है। जो भी आत्मसमर्पण करेगा, उसका स्वागत किया जाएगा। लेकिन जंगल में हथियार लेकर घूमने की इजाजत किसी भी स्थिति में नहीं दी जाएगी।”

उन्होंने बताया कि MP-CG बॉर्डर के अलावा मंडला जिले में भी नक्सलियों की खोज तेज की गई है और कई पुख्ता इनपुट सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगे हैं।

दर्रेकसा दलम के सरेंडर से नक्सल संगठन को बड़ा झटका

विकास नगपुरे और 11 नक्सलियों के सरेंडर के बाद एमएमसी जोन में नक्सलियों की स्थिति कमजोर हुई है। इससे बचे हुए शीर्ष नक्सली नेताओं पर भी मुख्यधारा में वापसी का दबाव बढ़ा है।

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