हिमाचल प्रदेश में बुधवार को भी मॉनसून का कहर जारी रहा। पिछले 24 घंटों में बादल फटने की 10 और घटनाएं सामने आईं। इस बीच अधिकारियों ने दो और शवों को बरामद किया है, जिसके बाद बारिश और भूस्खलन से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 10 हो गई। बता दें कि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला हुआ है। यहां अचानक बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की कई घटनाएं देखने को मिली, इस कारण मंडी में भीषण तबाही मची है। क्षेत्र में लगातार भारी बारिश के कारण ब्यास नदी का पानी भी उफान पर है, इस वजह से मंडी जिले को बाढ़ का भी सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले कुछ दिनों में अत्यधिक भारी बारिश, भूस्खलन और अचानक बाढ़ की चेतावनी दी गई है। अधिकारियों ने निवासियों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा करने से बचने की सलाह दी है। मंडी के थुनाग, करसोग के कुट्टी बाईपास, करसोग के पुराना बाजार, करसोग के रिक्की, गोहर के स्यांज, गोहर के बस्सी, गोहर के तलवाड़ा, धर्मपुर के स्याथी और धर्मपुर के भदारना समेत कई इलाकों में बादल फटने से नुकसान की खबर है।
अब तक 51 लोगों की मौत
भीषण बारिश, बादल फटने और भूस्खलन के कारण बुधवार की सुबह 10 बजे तक हिमाचल प्रदेश की 282 सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा 1361 बिजली के ट्रांसफार्मर और 639 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 182 सड़कों के बंद होने की सूचना मिली है। इसके बाद कुल्लू में 37, शिमला में 33 और सिरमौर में 12 सड़कें बंद हैं। बता दें कि 20 जून को मॉनसून सीजन की शुरुआत के बाद से बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं के कारण 1 जुलाई तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 103 लोग इस तरह की घटनाओं में घायल हुए हैं। इसके अलावा 22 लोग अब भी लापता हैं।