बस्तर.नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘विकसित भारत’ और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ अभियान से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र के नक्सल प्रभावित पिछड़े क्षेत्र के कारीगरों को जोड़ने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने छोटा देवड़ा, जिला-बस्तर में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत 656 मशीन और टूल किट व क्षमता निर्माण के अंतर्गत 60 कारीगरों को प्रशिक्षण के बाद प्रमाण-पत्र का वितरण किया। वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि बस्तर अपनी परंपरागत कला एवं कौशल के लिए प्रसिद्ध है। बस्तर के कारीगर अपनी इस दुर्लभ कला को पीढ़ी दर पीढ़ी संरक्षित करते आ रहे हैं। इन्हीं कारीगरों को ‘नयी शक्ति’ देने के लिए और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सोच को ग्रामीण भारत में जन-जन तक पहुंचाने के लिए, केवीआईसी ने ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत यहां के कारीगरों को ट्रेनिंग के बाद उत्कृष्ट श्रेणी की मशीनरी और टूलकिट प्रदान की है। इसके माध्यम से कारीगरों की ना सिर्फ उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि वो आर्थिक रूप से संपन्न भी होंगे।
वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि ‘मोदी सरकार की गारंटी’वाली ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है। पिछले 9 वर्षों में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री ने ग्रामीण भारत के कारीगरों को आर्थिक रूप से संपन्न और समृद्ध किया है। स्थानीय कारीगरों को आधुनिक ट्रेनिंग और टूलकिट प्रदान कर केवीआईसी उन्हें आधुनिक बनाने के साथ-साथ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ से भी जोड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इसी क्रम में बुधवार को नक्सल प्रभावित बस्तर जिले के छोटे देवड़ा में कारीगरों को ट्रेनिंग के बाद दंतेवाड़ा जिले के 40 मधुमक्खी पालकों को 400 बी-बॉक्स एवं बी-कॉलोनी, ईमली प्रशोधन के अंतर्गत 200 कारीगरों को 20 सेट मशीनें, 20 कारीगरों को 4 सेट दोना पत्तल की मशीनें, 20 कारीगरों को 02 सेट फल प्रसंस्करण की मशीनें, 100 विद्युत चालित चाक, तिलंजनपुर, जिला-महासमुंद के 40 कारीगरों को 40 पैडल से चलने वाली अगरबत्ती की मशीनें, 10 कारीगरों को 10 फुटवियर निर्माण मशीनें, 40 कारीगरों को टर्न वुड क्रॉफ्ट मशीनें, 40 कारीगरों को वुडेन टॉय निर्माण की मशीनें, सेवा उद्योग के अंतर्गत 40 इलेक्ट्रिशियनों तथा 40 प्लबंरों को टूलकिट के साथ ही 60 प्रशिक्षणार्थियों को क्षमता निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया।
वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ मंत्र ने खादी को वैश्विक मंच पर नयी पहचान दिलाई है। पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये रोजगार का सृजन हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को विद्युत चालित चॉक का वितरण किया है, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के तहत 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक हनी बी-बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है।
अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं की आकांक्षाओं को नये पंख लगे हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य कार्यालय छत्तीसगढ़ ने पिछले दो वर्षों में पीएमईजीपी के माध्यम से 46,618 नये रोजगार का सृजन किया है, जबकि इस दौरान 5,563 नयी इकाइयों की स्थापना हुई है। इन दो वर्षों में भारत सरकार ने इन नयी यूनिटों की स्थपाना के लिए करीब 144 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया है।
वितरण कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों समेत केवीआईसी और छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में केवीआईसी ने कारीगरों को आधुनिक मशीनें और टूलकिट की ‘नयी शक्ति’ दी.
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