Tuesday, December 9, 2025

कब से काम शुरू होगा अभी भी तय नहीं:प्लेटफार्म 2 पर यात्री सुविधाओं की दरकार न ही शेड लगा और न पीने का पर्याप्त पानी

ट्रेन का सफर प्लेटफार्म नंबर 2-3 से करने वाले यात्रियों को कोरबा स्टेशन में राहत नहीं मिल रही है। भीषण गर्मी के बाद भी यात्रियों के न तो पर्याप्त शेड की व्यवस्था हो पाई है और न पीने के लिए पानी की। प्लेटफार्म पर 7 स्थानों पर पीने के पानी के लिए नल लगाए गए हैं। इस गर्मी में इन नलों से पानी नहीं निकल रहा है।

यात्रियों को ठंडा पानी पीने को लिए इसके लिए वाटर कूलर किसी दानद ताओं ने लगाए थे, वह भी अब साथ छोड़ चुका है। गर्मी में ट्रेन आने पर धूप के बीच अपना कोच ढूंढना पड़ता है। बारिश होने पर यात्रियों को भीगना भी पड़ता है। प्लेटफार्म की लंबाई के अनुसार शेड की लंबाई काफी छोटी है।

प्रदेश के 30 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल किया है। इसमें कोरबा का नाम भी शामिल है। अब इस योजना से ही स्टेशन के विस्तार व विकास की उम्मीद है।

काम कब से शुरू होगा यह अभी भी तय नहीं है। ऐसे में आने वाली बारिश में भी इस प्लेटफार्म पर यात्रियों को राहत नहीं मिल पाएगी। इस संबंध में रेलवे के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि अमृत भारत स्टेशन योजना का शुरू होने तक सुविधाओं के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।

हसदेव नदी तट पर लगा मोटर पंप भी हो गया बदहाल अवस्था में
रेलवे स्टेशन में पानी आपूर्ति के लिए स्टेशन की स्थापना के साथ ही सीतामढ़ी बस्ती से होकर हसदेव नदी तट पर बोर के साथ मोटर पंप लगाया था। समय के साथ वह जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच चुका है। वहां लगे इलेक्ट्रानिक्स सामान व पाइप भी साथ छोड़ने लगे हैं, लेकिन उसकी दशा सुधारने के लिए रेलवे प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है, ताकि पर्याप्त पानी मिल सके। यही वजह है कि स्टेशन में बनी टंकी में पर्याप्त पानी नहीं भर पाता है।

पांच महीने पहले खुदाई कर काम अधूरा छोड़ा
प्लेटफार्म नंबर 1 से 2 को पाइप लाइन से जोड़ने के लिए दोनों प्लेटफार्म पर 5 माह पहले खुदाई कराई गई। खुदाई करने से निकली मिट्टी का मलबा आज तक दोनों प्लेटफार्म पर पड़े हुए हैं। इससे रात के अंधेरे में दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। प्लेटफार्म की खुदाई के बाद दोनों प्लेटफार्म के बीच बिछी रेल लाइनों के नीचे से पाइप लाइन के लिए जगह बनानी होगी। बिना ट्रेनों को रोके यह काम नहीं हो सकता। यही वजह है कि अब तक पाइप लाइन दुरूस्त नहीं हो सकी है।

पानी की है पुरानी समस्या
रेलवे प्रशासन किसी तरह प्लेटफार्म नंबर एक पर ही जरूरत के अनुसार पीने के पानी की व्यवस्था कर पा रहा है। प्लेटफार्म नंबर 2-3 पर पीने के पानी की समस्या 5 साल पुरानी हो चुकी है। इसे दूर करने कई बार प्रयास किया गया।

.

Recent Stories