Sunday, December 28, 2025

Instagram Down : डाउनडिटेक्टर पर शिकायतों का सैलाब, इंस्टाग्राम आउटेज ने रोका डिजिटल ट्रैफिक

Instagram Down :  नई दिल्ली, 28 दिसंबर 2025 – रविवार की सुस्त दोपहर जब दुनिया अपनी तस्वीरों और कहानियों को साझा करने की तैयारी कर रही थी, तभी मेटा के सबसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम ने अचानक मौन साध लिया। यह रुकावट भले ही संक्षिप्त थी, लेकिन डिजिटल युग के आदी हो चुके लाखों यूजर्स के लिए यह किसी छोटे झटके से कम नहीं थी। जैसे-जैसे ऐप पर रिफ्रेश का गोल घेरा घूमने लगा, वैसे-वैसे सोशल मीडिया की दुनिया में बेचैनी की लहर दौड़ गई।

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खाली स्क्रीन और रिफ्रेश का अंतहीन चक्र

इस आउटेज की शुरुआत भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 2:40 बजे हुई, जब अचानक लॉग-इन करने की कोशिशें नाकाम होने लगीं। अमेरिका से लेकर दुनिया के कई हिस्सों में यूजर्स ने पाया कि उनकी फीड लोड नहीं हो रही है और ऐप की स्क्रीन किसी सफेद चादर की तरह खाली पड़ गई है। डाउनडिटेक्टर की रिपोर्टों में शिकायतों का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा, जिसमें 45 प्रतिशत लोगों ने ऐप के कामकाज और 41 प्रतिशत ने लॉग-इन न कर पाने की गहरी निराशा जताई।

हैरानी की बात यह रही कि ऐप पर कोई स्पष्ट एरर मैसेज नहीं था, जिससे यूजर्स भ्रमित रहे। स्क्रीनशॉट्स की एक बाढ़ सी आ गई, जिसमें सिर्फ एक खाली इंटरफेस और रिफ्रेश आइकन नजर आ रहा था। हालांकि भारत में इसका असर बेहद मामूली रहा और केवल मुट्ठी भर यूजर्स ने ही समस्याओं की सूचना दी, लेकिन वैश्विक स्तर पर मची इस खलबली ने एक बार फिर हमारी तकनीकी निर्भरता पर सवाल खड़े कर दिए।

मेटा के ‘आउटेज’ का पुराना सिलसिला

यह कोई पहली बार नहीं है जब मेटा के किसी प्लेटफॉर्म ने इस तरह धोखा दिया हो। इस साल की शुरुआत से ही वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे दिग्गज प्लेटफॉर्म्स कई बार तकनीकी खामियों का शिकार हुए हैं। सितंबर में भी हजारों यूजर्स घंटों तक मैसेज भेजने के लिए तरसते रह गए थे। मेटा की ओर से इस बार भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे तकनीकी कारणों को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। क्या यह सर्वर की कोई छोटी चूक थी या किसी बड़े सिस्टम अपडेट का हिस्सा, यह अभी भी रहस्य बना हुआ है।

क्या कहते हैं यूजर्स

“क्या वाकई इंस्टा डाउन है या सिर्फ मेरा इंटरनेट? यह पहली बार नहीं है जब हमें मेटा के साथ ऐसी तकनीकी लुका-छिपी का सामना करना पड़ रहा है।” – एक निराश यूजर (X पर)

यह प्रतिक्रिया उस आम आदमी की आवाज है जो अपनी रोजमर्रा की बातचीत और काम के लिए इन डिजिटल गलियारों पर निर्भर है। हर बार जब ‘रिफ्रेश’ आइकन बिना किसी परिणाम के घूमता है, तो करोड़ों यूजर्स का भरोसा थोड़ा और डगमगा जाता है।

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