India Global Leaders Profiling : भारत अब वैश्विक कूटनीति को और अधिक वैज्ञानिक, रणनीतिक और डेटा-ड्रिवन बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। विदेश मंत्रालय ऐसे अंतरराष्ट्रीय नेताओं की गहन बिहेवियर प्रोफाइलिंग करने के लिए एक लीडरशिप एनालिसिस फ्रेमवर्क विकसित कर रहा है, जिनका भारत से वर्तमान या भविष्य में महत्वपूर्ण संबंध हो सकता है।सूत्रों के अनुसार, यह प्रणाली विश्व नेताओं—जैसे डोनाल्ड ट्रम्प, व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग—के हावभाव, माइक्रो-एक्सप्रेशन, बॉडी लैंग्वेज, वक्तव्यों की निरंतरता, और निर्णय-व्यवहार का सूक्ष्म विश्लेषण करेगी।
बंगाल में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में 66% बढ़ोतरी, भाजपा और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने
भारत क्यों कर रहा है वैश्विक नेताओं की बिहेवियर प्रोफाइलिंग?
अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नेतृत्व की मनोवैज्ञानिक समझ बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इस फ्रेमवर्क का उद्देश्य है:
-
नेताओं की निर्णय लेने की शैली को समझना
-
बयानों और वास्तविक व्यवहार में कथनी-करनी के अंतर को पहचानना
-
संभावित कूटनीतिक स्थितियों की बेहतर पूर्व-तैयारी
-
भारत के लिए समझदारी भरी कूटनीतिक रणनीति तैयार करना
एक अधिकारी के अनुसार, यह फ्रेमवर्क भारत के लिए “एक सॉफ्ट कूटनीतिक हथियार” की तरह काम करेगा, जिससे निर्णय निर्माण और विदेश नीति बनाने में अधिक सटीकता आएगी।
क्या-क्या शामिल होगा लीडरशिप एनालिसिस फ्रेमवर्क में?
यह विश्लेषण प्रणाली मल्टी-लेयर इनपुट्स पर आधारित होगी:
माइक्रो-एक्सप्रेशन रिकॉर्डिंग
चेहरे के सूक्ष्म भाव—जैसे आंखों की गति, मुस्कान की प्रकृति, तनाव के संकेत—को हाई-रिजॉल्यूशन फ्रेम एनालिसिस के जरिए कैप्चर किया जाएगा।
बॉडी लैंग्वेज एनालिसिस
बैठकों या भाषणों के दौरान नेता कैसे बैठते हैं, हाथों का उपयोग कैसे करते हैं, तनाव कब बढ़ता है—इन सबका मूल्यांकन।
भाषण और बयान की निरंतरता
पब्लिक स्पीच, इंटरव्यू और आधिकारिक बयानों में कंसिस्टेंसी और मूड शिफ्ट का विश्लेषण।
निर्णय लेने की प्रवृत्ति
अतीत के फैसलों और संकटों में दिए गए नेतृत्व संकेतों का अध्ययन।
किन नेताओं का हो रहा है प्राथमिक विश्लेषण?
विदेश मंत्रालय उन नेताओं को प्राथमिकता दे रहा है जो:
-
भारत की विदेश नीति को प्रत्यक्ष प्रभावित करते हैं
-
वैश्विक शक्ति समीकरण तय करते हैं
-
भविष्य में भारत के साथ गहरे आर्थिक या रणनीतिक संबंध बना सकते हैं
इस सूची में शामिल हैं:
-
डोनाल्ड ट्रम्प (अमेरिका)
-
व्लादिमीर पुतिन (रूस)
-
शी जिनपिंग (चीन)
-
अन्य दक्षिण एशियाई, यूरोपीय और अफ्रीकी देशों के शीर्ष नेता
इससे भारत को क्या फायदा होगा?
1. बेहतर कूटनीति:
नेताओं का मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल जानकर भारत बातचीत में सही रणनीति अपनाने में सक्षम होगा।
2. भविष्य की चुनौतियों का अनुमान:
यदि कोई नेता अधिक आक्रामक, अस्थिर या अप्रत्याशित है—तो समय रहते तैयारी की जा सकती है।
3. वैश्विक बातचीत में बढ़ेगी भारत की पकड़:
प्रोफाइलिंग से बहुपक्षीय मंचों पर भारत की स्थिति मजबूत होगी।


