हॉन्गकॉन्ग में कोरोना की बेकाबू रफ्तार ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। हॉन्गकॉन्ग दक्षिण कोरिया के बाद दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा हॉटस्पॉट बन चुका है। यहां संक्रमितों का आंकड़ा 10 लाख को पार कर गया है, इसमें भी 7 लाख मामले तो इस महीने ही सामने आए हैं।
सबसे ज्यादा डराने वाली बात मौतों का तेजी से बढ़ता आंकड़ा है। हालत यह हो चुकी है कि देश में अंतिम संस्कार के लिए ताबूत कम पड़ रहे हैं। शवों को रेफ्रिजरेटर शिपिंग कंटेनरों में रखना पड़ रहा है। श्मशान घाट 24 घंटे खुले हैं। अधिकारियों ने 2,300 शवों को रखने के लिए पार्किंग डेक में 50 कंटेनर रखे हैं।
हॉन्गकॉन्ग में रोजाना औसतन 22,000 केस सामने आ रहे हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के डेटा के मुताबिक, हॉन्गकॉन्ग की मृत्युदर अमेरिका के पीक से 3 गुना है। यहां नए संक्रमितों के मुकाबले मृत्युदर 1.4% है, जो दुनिया की 0.28% मृत्युदर से 5 गुना है। जबकि, सबसे ज्यादा 3.85 लाख केस दक्षिण कोरिया में मिल रहे हैं, लेकिन वहां मृत्युदर सिर्फ 0.08% ही है।


