देहरादून: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के बाद उत्तराखंड सरकार एक्शन में आ गई है. उत्तराखंड के सभी मंदिर और धार्मिक स्थलों के लिए मास्टर प्लान बनने जा रहा है. मंदिरों और तीर्थ स्थलों में भीड़ नियंत्रण पर आने-जाने की व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सुविधा और यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. दरअसल उत्तराखंड में हजारों मंदिर और सैकड़ो तीर्थ स्थल है. जहां पर देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और भीड़ ज्यादा होने की वजह से अवस्थाएं हो जाती है. ट्रैफिक जाम हो जाता है जिससे दिक्कतों का सामना न सिर्फ श्रद्धालुओं को करना पड़ता है बल्कि स्थानीय निवासियों को भी इस चीज से हर दिन दो-चार होता है.
हादसों से बचने के लिए मास्टर प्लान
अब राज्य सरकार ने हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के हादसे से सबक लेते हुए फैसला लिया है कि मंदिरों, धार्मिक स्थल और अन्य जगह पर भीड़ नियंत्रण लोगों के आने-जाने और उनकी सुरक्षा के मध्य नजर क्या-क्या कदम उठाए जाने चाहिए. इसके लिए एक व्यापक मास्टर प्लान बनाना होगा, ताकि भविष्य में मनसा देवी मंदिर के जैसे हादसों से बचा जा सके और श्रद्धालुओं को सुरक्षित दर्शन करवाई जा सके. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में प्रमुख सचिव, आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, प्रवेश- निकास व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सुविधाएं जुटाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
तीर्थ स्थलों पर अवैध अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा
27 जुलाई को हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद दुर्घटना के तत्काल बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मौका मुआयना कर, स्थिति का जायजा लिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थस्थलों पर आने वाले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विस्तृत मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए थे. इसी क्रम में मंगलवार को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को आदेश जारी करते हुए, जल्द से जल्द इस दिशा में कार्रवाई शुरु करने के निर्देश दिए हैं. इसमें खासकर ऐसे तीर्थ स्थलों को शामिल किया जाएगा, जहां ज्यादा तीर्थ यात्री आते हैं. मास्टर प्लान के निर्माण और इसके क्रियान्वयन में दोनों मंडलों के मंडलायुक्तों का विशेष तौर पर सहयोग लेने के लिए कहा गया है. साथ ही स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि यदि तीर्थ स्थलों के मार्गों पर अवैध अतिक्रमण हुआ है तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए.
मास्टर प्लान में शामिल होगा
- भीड़ नियंत्रण व्यवस्था
- धारण क्षमता का विकास
- पृथक प्रवेश एवं निकास मार्ग
- प्रतीक्षा के लिए अतिरिक्त स्थान
- आपातकालीन निकासी व्यवस्था
- स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार
- सुगठित सूचना एवं मार्गदर्शन प्रणाली
- पार्किंग व्यवस्था
- पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनानी