नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीते दिनों भड़की हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्रालय ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश को इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. साथ ही बांग्लादेश को हमारे घरेलू मसलों पर गैर-जरूरी टिप्पणी करने से बचना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश में बीते करीब साल भर से जघन्य अपराधिक घटनाओं का सिलसिला लगातार जारी है.
जायसवाल ने आगे कहा कि बांग्लादेश की टिप्पणी “बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के चल रहे उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ समानता स्थापित करने का एक बहुत ही छिपा हुआ और कपटपूर्ण प्रयास है, जहां इस तरह की घटनाओं में शामिल अपराधी खुलेआम घूमते रहते हैं.इसके अलावा, भारत ने बांग्लादेश पर पलटवार करते हुए देश से अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान देने की भी बात कही है.
आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने संसद कहा था कि राजनीतिक उथल-पुथल शुरू होने के बाद से 2024 में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के 2,400 मामले सामने आए हैं और 2025 में अब तक ऐसे मामलों की संख्या 72 हो चुकी है.
बांग्लादेश ने क्या कुछ बोला था
मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर बांग्लादेश ने भारतीय अधिकारियों से अशांति से प्रभावित अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदायों की रक्षा करने की बात कही थी. बांग्लादेश के मुख्य सलाहाकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि हमारी सरकार ने इस घटना में बांग्लादेश को शामिल करने के भारत के प्रयासों का कड़ा विरोध किया है. हम मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को शामिल करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से खंडन करते हैं.