चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए निष्पक्ष तरीके से काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गड़बड़ी करने के आरोप लगाए थे। इसके साथ ही उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि इसमें शामिल अधिकारियों को छोड़ा नहीं जाएगा। रिटायर होने पर भी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में चुनाव आयोग ने अपने कर्मचारियों को बेबुनियाद आरोपों पर ध्यान न देने के लिए कहा है।
इलेक्शन कमीशन ने कहा कि चुनाव आयोग रोज रोज लगाए जा रहे, ऐसे बेबुनियाद आरोपों को नजरअंदाज करता है और रोज रोज दी जा रही धमकियों के बावजूद निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कार्य कर रहे सभी चुनावी कर्मियों को ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयानों पर ध्यान न देने के लिये कहता है।
बिहार स्पेशल इंटेसिव रिवीजन पर हो रहा बवाल
विपक्ष के नेताओं ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर सवाल खड़े किए थे और आरोप लगाए थे कि इसके जरिए मतदाताओं से उनका वोटिंग का अधिकार छीनने की कोशिश हो रही है। हालांकि, चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि इसका उद्देश्य सभी लोगों को मतदाता सूची में शामिल करना है। चुनाव आयोग ने ड्रॉफ्ट वोटर लिस्ट भी जारी कर दी है। जिन लोगों का नाम मतदाता सूची में नहीं है। वह 1 सितंबर तक चुनाव आयोग के कैंप में शिकायत कर अपना नाम लिस्ट में जुड़वा सकते हैं।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने कहा था कि चुनाव आयोग गड़बड़ी कर रहा है। संसद भवन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि वोटों की चोरी हो रही है। चुनाव आयोग भी इसमें शामिल है और वह पुख्ता सबूत के साथ यह बात कह रहे हैं। इसके बाद धमकी भरे अंदाज में उन्होंने कहा था कि जो अधिकारी इसमें शामिल हैं। उनको छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के कहने पर वोट चोरी कर रहे चुनाव अधिकारी देश के खिलाफ काम कर रहे हैं। वह रिटायर हो जाएं तो भी उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। राहुल गांधी इससे पहले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चुनाव को लेकर भी चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े कर चुके हैं।