धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी में मंदिरों में चोरी की घटनाएं थम नहीं रही हैं। ताजा मामले में सिद्धेश्वर महादेव मंदिर और काली मंदिर में चोरी हुई है। काली मंदिर से दान पेटी गायब हो गई। सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में दान पेटी से सारे पैसे चोरी हो गए। सुबह जब पंडित मंदिर खोलने पहुंचे, तब चोरी का पता चला। मंदिर के पुजारी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। दोनों मंदिर मुख्य मार्ग पर स्थित हैं, जहां हमेशा लोगों का आवागमन रहता है। चोरी का एक वीडियो सीसीटीवी में कैद हुआ है। पिछले 15 दिनों में धमतरी और आसपास के क्षेत्रों में 5-6 मंदिरों में चोरी हो चुकी है। चोर विशेष रूप से दान पेटियों को निशाना बना रहे हैं। सीसीटीवी में कैद होने के बावजूद चोरों के हौसले बुलंद हैं। स्थानीय लोगों में पुलिस की निष्क्रियता को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है।
पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कर रही है। अभी तक किसी भी चोरी के मामले में आरोपी नहीं पकड़े गए हैं। पहले की चोरियों के आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से चोरों के हौसले और बढ़े हैं। जानकारी के अनुसार, 20-21 जून की रात शहर के मुख्य मार्ग के किनारे बसे बस स्टैंड के काली मंदिर और गुजराती कॉलोनी मोड़ के पास सिद्धेश्वर महादेव मंदिर की दान पेटी से रुपया चोरी हो गया। बस स्टैंड काली मंदिर बंद था और पंडित वहां से चले गए थे। सुबह मंदिर पहुंचने पर ताला टूटा हुआ पाया गया। अंदर एक और ताला टूटा हुआ था। दान पेटी को तोड़कर उसमें रखे रुपए चोरी कर लिए गए। खास बात यह है कि चोर मंदिर के अंदर ही बैठकर चोरी को अंजाम दिया। इसी तरह गुजराती कॉलोनी मोड़ स्थित सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर में भी चोरी की घटना हुई है।
यहां सीसीटीवी कैमरे में चोर की परछाई देखी गई है। गेट का ताला नहीं टूटा था, लेकिन मंदिर के साइड में लगी ग्रिल के पास से दान पेटी को खींचकर कुंडा तोड़कर रुपए चोरी कर लिए गए। पंडित जब मंदिर पहुंचे तो दान पेटी टूटी हुई मिली, जिसमें करीब 4 से 5 हजार रुपए थे। कैमरे की रिकॉर्डिंग के अनुसार यह घटना रात 12:40 बजे हुई। मामले की सूचना थाना कोतवाली को दे दी गई है। इससे पहले 5-6 जून की रात रिसाईपारा स्थित नागेश्वर मंदिर में भी चोरी हुई थी। वहां के पुजारी जब सुबह मंदिर पहुंचे तो दान पेटी गायब थी। सामने का दरवाजा तोड़कर दान पेटी चोरी कर ली गई थी। सीसीटीवी में दो कैमरे ढके हुए थे और एक में एक युवक कैद हुआ था। दान पेटी मंदिर के बाहर पड़ी मिली, जिसमें सारी रकम गायब थी। अनुमान है कि करीब 1 लाख रुपए से अधिक चोरी हुए थे। इसके कुछ दिन बाद कुरूद के काली मंदिर में भी चोरी हुई, जहां दान पेटी को निशाना बनाया गया।