नई दिल्ली.देश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धार्मिक स्थलों के मूल नाम का पता लगाने, उनके मूल नाम रखने के लिए ‘नामकरण आयोग’ बनाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा है कि स्थलों के नाम विदेशी आक्रांताओं के नाम पर हैं।
वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय गृह मंत्रालय को ‘नामकरण आयोग’ गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट से यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि पुरातत्व विभाग पुराने नामों को प्रकाशित करे।
दिल्ली में पांडवों के नाम पर एक भी सड़क नहीं
याचिका में कहा गया है कि भगवान कृष्ण और बलराम के आशीर्वाद से पांडवों ने खांडवप्रस्थ (निर्जन भूमि) को इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) बनाया, लेकिन कृष्ण, बलराम, युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव, कुंती, द्रौपदी और अभिमन्यु के नाम पर एक भी सड़क, नगर पालिका वार्ड, गांव या विधानसभा क्षेत्र का नाम नहीं है। दूसरी ओर बर्बर विदेशी आक्रांताओं के नाम पर सड़कें, नगर पालिका वार्ड, ग्राम एवं विधानसभा क्षेत्र हैं।
मुगल गार्डन का नाम बदला, लेकिन बाबर रोड बरकरार
याचिकाकर्ता ने कहा है कि मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया, लेकिन सरकार ने बाबर रोड, हुमायूं रोड, अकबर रोड, जहांगीर रोड, शाहजहां रोड, बहादुर शाह जफर रोड जैसे आक्रमणकारियों के नाम पर सड़कों का नाम बदलने के लिए कुछ नहीं किया।


