आगरा धर्मांतरण मामले का दिल्ली कनेक्शन निकल कर सामने आया है. इसके तहत दिल्ली में एक व्हॉट्स ऐप ग्रुप बनाया गया था जिसमे कई सारे लोग जुड़े हुए थे. दिल्ली से गिरफ्तार मनोज उर मुस्तफा इसी ग्रुप में जुड़ा हुआ था. सिमकार्ड और नया मोबाइल लेने का काम दिल्ली से गिरफ्तार मनोज उर्फ मुस्तफा को दिया गया था. इस ग्रुप में लड़कियों को भी जोड़ा जाता था, जहां इस्लाम के बारे में उनको तालीम दी जाती थी.
अब्दुल्ला था ग्रुप का एडमिन
एक और व्यक्ति समानता जयसवाल उर्फ अब्दुल्ला इस ग्रुप का एडमिन था. अब्दुल्ला ऑटो चलाने का काम करता है और इसने कई लोगो को जोड़ा हुआ है. अब्दुल रहमान से भी अब्दुल्ला का कनेक्शन था. अब्दुल रहमान मुस्तफाबाद में रहकर पूरे सिंडिकेट को ऑपरेट कर रहा था. साल 2021 में दिल्ली के जामिया नगर से धर्मांतरण गैंग के सरगना कलीम सिद्दीकी के गिरफ्तार होने के बाद उसके गैंग को अब्दुल रहमान चला रहा था. आगरा पुलिस इस सिंडिकेट के दिल्ली एंगल की भी जांच कर रही है. जामिया नगर में एक हॉस्टल था जहां लड़कियों को रखा जाता था.
पाकिस्तान से भी जुड़े तार
26 जुलाई को पुलिस की तरफ से बताया गया था कि आगरा में अवैध धर्मांतरण के मामले में पाकिस्तान के दो नागरिकों की भूमिका सामने आई है. आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया, ‘पाकिस्तान के दो इन्फ्लुएंसर तनवीर अहमद और साहिल अदीम के नाम सामने आए हैं तथा ये धर्म परिवर्तन के लिए उपदेश देते थे.’ कुमार के अनुसार, ‘ये दोनों बताते थे कि इस्लाम क्यों अपनाना चाहिए और ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक चुनौती है. उन्होंने बताया, ‘जांच में सामने आया कि लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए आमंत्रित किया गया था. उन्हें बौद्धिक चर्चाओं के लिए भी आमंत्रित किया गया था. आमंत्रित लोगों में कश्मीर की कुछ लड़कियों का एक समूह भी शामिल था.’
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने चार मई को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया था. उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया जा चुका है.