Saturday, December 27, 2025

ब्रिटेन में नागरिकता कानून पर बढ़ी चिंता, लाखों मुसलमानों के बेदखल होने की आशंका

लंदन। ब्रिटेन में नागरिकता से जुड़े मौजूदा कानूनों को लेकर गंभीर चिंताएं सामने आई हैं। एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इन कानूनों के तहत लाखों मुसलमानों को ब्रिटेन से बेदखल किया जा सकता है। यह रिपोर्ट रनीमेड ट्रस्ट और रीप्रिव नामक दो मानवाधिकार संगठनों ने संयुक्त रूप से जारी की है।

रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा कानूनी प्रावधानों के तहत करीब 90 लाख लोग, यानी ब्रिटेन की कुल आबादी का लगभग 13 प्रतिशत, अपनी ब्रिटिश नागरिकता खोने के खतरे का सामना कर सकते हैं। इसमें बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लोगों के प्रभावित होने की आशंका जताई गई है।

होम सेक्रेटरी के अधिकारों पर उठे सवाल

रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन की होम सेक्रेटरी शबाना महमूद को नागरिकता रद्द करने के व्यापक अधिकार प्राप्त हैं। इन अधिकारों के इस्तेमाल से किसी व्यक्ति की नागरिकता बिना पूर्व सूचना के भी छीनी जा सकती है, जिससे पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

भेदभाव की आशंका जताई

मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि यह कानून व्यवहार में नस्लीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को disproportionately प्रभावित कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिकता छिनने का खतरा उन लोगों पर अधिक है, जिनकी जड़ें ब्रिटेन के बाहर के देशों से जुड़ी रही हैं।

सरकार पर समीक्षा का दबाव

रिपोर्ट सामने आने के बाद ब्रिटिश सरकार पर नागरिकता कानूनों की समीक्षा करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि नागरिकता जैसे मूल अधिकार से जुड़े फैसलों में पारदर्शी प्रक्रिया और न्यायिक निगरानी सुनिश्चित की जाए।

राजनीतिक बहस तेज

इस रिपोर्ट के बाद ब्रिटेन की राजनीति में भी बहस तेज हो गई है। विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि समुदायों के बीच असुरक्षा की भावना बढ़ती नजर आ रही है।

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