Chhattisgarh Digital Administration : रायपुर, 13 दिसंबर 2025। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य में पूरी तरह डिजिटल प्रशासन लागू करने का निर्णय लिया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 31 दिसंबर 2025 के बाद फिजिकल फाइल और नोटशीट प्रणाली पूरी तरह बंद कर दी जाएगी। इसके स्थान पर 1 जनवरी 2026 से सभी शासकीय कार्यालयों में केवल ई-ऑफिस सिस्टम के माध्यम से ही काम किया जाएगा।
IndiGo Flight : DGCA की बड़ी कार्रवाई इंडिगो की मॉनिटरिंग में लापरवाही, 4 अधिकारी निलंबित
GAD का सख्त आदेश: अब नहीं चलेंगी फिजिकल फाइलें
इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने सभी विभागाध्यक्षों, आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में फिजिकल फाइल का उपयोग नहीं किया जाएगा। शासन स्तर पर होने वाला पूरा पत्राचार, नस्ती और डाक संबंधी कार्य डिजिटल माध्यम यानी ई-ऑफिस से ही होंगे।
ई-ऑफिस से बढ़ेगी पारदर्शिता और जवाबदेही
सरकार का मानना है कि फिजिकल फाइलों के कारण निर्णय प्रक्रिया में अनावश्यक देरी होती है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही प्रभावित होती है। ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से अब:
-
फाइल मूवमेंट पूरी तरह ऑनलाइन होगी
-
नोटशीट, अनुमोदन और निर्णय डिजिटल रूप से होंगे
-
हर स्तर पर फाइल की स्थिति ट्रैक की जा सकेगी
-
अनावश्यक देरी और हस्तक्षेप पर रोक लगेगी
प्रिंट और स्कैन सिस्टम को भी मिलेगा बढ़ावा
सरकार ने निर्देश दिया है कि दस्तावेजों को अधिकतम डिजिटल फॉर्मेट में ही तैयार किया जाए। जहां आवश्यक हो, वहां प्रिंट लेकर स्कैन करने की प्रक्रिया अपनाई जाए, ताकि कागज आधारित कामकाज पूरी तरह समाप्त किया जा सके। इससे न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
GAD आदेश की मुख्य बातें
-
1 जनवरी 2026 से सभी शासकीय कार्यालयों में केवल ई-ऑफिस के जरिए काम
-
विभाग प्रमुख की विशेष अनुमति के बिना फिजिकल फाइल पर पूरी तरह रोक
-
शासन को भेजे जाने वाले सभी प्रकरण ई-ऑफिस फाइल के माध्यम से अनिवार्य
-
सूचनात्मक पत्राचार भी ई-ऑफिस रिसिप्ट पर ही
-
शासकीय प्रवास और छुट्टी के दिनों में भी ई-ऑफिस से फाइल निपटारा संभव
डिजिटल गवर्नेंस को मिलेगी नई गति
राज्य सरकार का कहना है कि इस फैसले से डिजिटल गवर्नेंस को नई दिशा मिलेगी। प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी, भ्रष्टाचार की संभावनाएं कम होंगी और आम नागरिकों से जुड़े मामलों में समयबद्ध निर्णय सुनिश्चित हो सकेगा।



