CG Breaking : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर बिलासपुर उच्च न्यायालय में आज अहम सुनवाई हुई। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों की विस्तृत बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित (Reserved) रख लिया है। अब कोर्ट जल्द ही इस पर अपना निर्णय सुनाएगी।
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ED ने जमानत का किया कड़ा विरोध — बताया गंभीर आर्थिक अपराध
सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से जमानत का जोरदार विरोध किया गया।ED ने अदालत को बताया—
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यह गंभीर आर्थिक अपराध है, जिसकी जांच अभी जारी है।
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आरोपी के जमानत पर छूटने से सबूत नष्ट होने का खतरा है।
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चैतन्य बघेल के भागने की आशंका भी जताई गई।
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जांच की संवेदनशीलता को देखते हुए जमानत अभी उपयुक्त नहीं है।
ED ने कोर्ट से याचिका अस्वीकार करने की मांग रखी।
बचाव पक्ष की दलील — लम्बी हिरासत से अधिकार प्रभावित
चैतन्य बघेल की तरफ़ से पेश वकीलों ने जमानत की पुरज़ोर मांग की।
उन्होंने कहा—
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बघेल काफी समय से हिरासत में हैं, जिससे उनके मौलिक अधिकार प्रभावित हो रहे हैं।
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वे जांच में सहयोग करने को तैयार हैं।
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बिना ट्रायल के लंबे समय तक जेल में रखना उचित नहीं है।
उन्होंने कोर्ट से जमानत याचिका स्वीकार करने की अपील की।
पूरे दिन चली सुनवाई, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
लगभग पूरे दिन बहस चलने के बाद हाईकोर्ट ने— जमानत याचिका पर निर्णय “Reserved” कर दिया।यह संकेत है कि अदालत सभी तथ्यों, आरोपों और केस की संवेदनशीलता का गहराई से विश्लेषण करने के बाद निर्णय देगी।
चैतन्य बघेल कौन हैं और क्यों चर्चा में हैं?
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बघेल छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं।
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आरोप है कि इस पूरे घोटाले में करोड़ों रुपए की अवैध लेनदेन और भ्रष्टाचार शामिल है।
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ED ने उन्हें धनशोधन (Money Laundering) के तहत गिरफ्तार किया था।
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वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
उनकी जमानत याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले से ही उनके आगे की कानूनी राह तय होगी।
फैसला आने तक बढ़ी राजनीतिक हलचल
शराब घोटाला मामले का राज्य की राजनीति पर लगातार प्रभाव पड़ा है। इसलिए हाईकोर्ट के फैसले का—
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राजनीतिक दल
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प्रशासन
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तथा आम जनता
सभी बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।


