जांजगीर में बोरवेल में गिरे 10 साल के राहुल को बचाने के लिए 21 घंटे से रेस्क्यू अभियान जारी है। बोरवेल के ठीक बगल में 50 फीट से ज्यादा की खुदाई हो गई है। पाइप के माध्यम से राहुल को ऑक्सीजन दी जा रही है। बोरवेल से राहुल की आवाज और उसकी हलचल पूरी तरह सुनाई और दिखाई दे रही है। शुक्रवार दोपहर 2 बजे के आस-पास वह बोरवेल में गिरा था। जिसके बाद से वह वहीं फंसा हुआ है। कहा जा रहा है कि बच्चे को निकालने में अभी भी 6 से 7 घंटे का समय और लग सकता है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने बच्चे के माता पिता से फोन पर बात की है। सीएम ने उन्हें राहुल की सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि पूरा शासन प्रशासन राहुल की सकुशल वापसी के लिए लगा हुआ है। आप लोग धैर्य रखें, राहुल की सकुशल वापसी होगी। वहीं सीएम ने जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात कर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन का जानकारी ली है।
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल ने राहुल के परिजनों से मुख्यमंत्री की बात कराई है। राहुल के पिता राम कुमार साहू ने सीएम को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है और मदद मांगी है। वहीं कलेक्टर ने सीएम को बताया कि उनके निर्देश पर गुजरात से रोबोटिक्स स्पेशलिस्ट को बुलाया गया है। शाम तक रोबोटिक्स स्पेशलिस्ट पहुंच जाएगा। बताया जा रहा है कि इसी स्पेशलिस्ट के माध्यम से गुजरात में एक बच्चा के सफल रेस्क्यू किया गया था। बातचीत के दौरान जिले के एसपी विजय अग्रवाल भी मौजूद थे।
प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है और प्रयास कर रही है कि जल्द ही राहुल को निकाल लिया जाए। साथ ही रायपुर से सेना के जवान भी मौके पर पहुंचे हुए हैं। प्रशासन ने कहा है कि 65 फीट की खुदाई की जाएगी। इसके बाद टनल बनाने का काम शुरू किया जाए। अनुमान लगाया जा रहा है कि बच्चे को निकालने में अभी कम से कम से 6 से 7 घंटे का वक्त और लग सकता है। रात के करीब 8 से 9 बजे के बीच बच्चे को निकाला जा सकता है। प्रशासन ने शुक्रवार शाम 5 बचे से ये रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। पिछले 21 घंटे से यह जारी है।
NDRF का कहना है कि पहले 65 फीट गड्ढा कर रहे हैं। इसके बाद टनल को बनाया जाएगा। उसे हाथ से खोदा जाएगा। एनडीआरएफ की स्पेशल टीम टनल बनाने का काम शुरू करेगी। सुबह बताया गया था कि 4 घंटे में काम हो सकता है। मगर दोपहर के वक्त कहा जा रहा है कि 6 से 7 घंटे अभी और वक्त लगेगा। प्रशासन ने कुछ समय पहले रस्सी के सहारे बच्चे को निकालने का भी प्रयास किया था, लेकिन वह सफल नहीं रहे।
प्रशासन ने कहा है कि समय इसलिए भी ज्यादा लगा रहा है कि गड्ढे में केसिंग पाइप नहीं डला है। इस वजह से हम गड्ढे को दूर से खोद रहे हैं। यदि पास से खोदेंगे तो वाइब्रेशन से मिट्टी धसक सकती है और बच्चे को खतरा हो सकता है।