नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी कि CBI ने 4.55 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में फरार आरोपी उदित खुल्लर को संयुक्त अरब अमीरात से भारत वापस लाने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। उदित खुल्लर को 01 अगस्त 2025 को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दुबई से लाया गया। CBI ने इंटरपोल के जरिये अबू धाबी स्थित नेशनल सेंट्रल ब्यूरो यानी कि NCB के सहयोग से यह कार्रवाई पूरी की। इस ऑपरेशन में इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन यूनिट (IPCU) और CBI की भूमिका बेहद अहम रही।
किस मामले में वॉन्टेड था उदित खुल्लर?
उदित खुल्लर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में मामला दर्ज है। यह केस अदाजन पुलिस थाना में दर्ज हुआ था। उस पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर जालसाजी और धोखाधड़ी के जरिए बैंक से फर्जी होम लोन हासिल किए। जांच में पता चला है कि उदित खुल्लर ने 3 अलग-अलग होम लोन के लिए जाली दस्तावेज बैंक में जमा कराए। उसने जिन संपत्तियों के कागज बैंक को दिए, वे वास्तव में उसकी थीं ही नहीं। इस साजिश में कई अन्य लोग भी शामिल थे। इन फर्जी दस्तावेजो के आधार पर सरकारी और निजी बैंकों से कुल 4.55 करोड़ रुपये का लोन उठाया गया।
खुल्लर को UAE में किया गया था गिरफ्तार
CBI की कड़ी निगरानी और इंटरपोल चैनलों के जरिए लगातार फॉलो-अप के बाद उदित खुल्लर की लोकेशन UAE में ट्रेस की गई। वहां उसे गिरफ्तार किया गया और फिर CBI के अनुरोध पर UAE प्रशासन ने उसे भारत डिपोर्ट कर दिया। CBI, जो कि भारत में INTERPOL की नोडल एजेंसी (National Central Bureau) है, ने इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह कार्रवाई भारत के BHARATPOL नेटवर्क के जरिये सभी एजेंसियों के सहयोग से पूरी की गई।
INTERPOL चैनलों के जरिए लौटे 100 से ज्यादा अपराधी
CBI के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में 100 से ज्यादा वांछित अपराधियों को इंटरपोल के माध्यम से भारत वापस लाया जा चुका है। उदित खुल्लर की वापसी इसी अभियान का हिस्सा है और इसे देश की कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।