Friday, April 25, 2025

सिर पर लगे थे कैमरे, क्या आतंकी अपने आकाओं को LIVE दिखा रहे थे कत्लेआम

नई दिल्ली : मेरे पति को गोली मारने वाले आतंकी के सिर पर कैमरा लगाया हुआ था. वह या तो रिकॉर्डिंग कर रहे थे या लाइव स्ट्रिंमिंग कर रहे थे…पहलगाम आतंकी हमले में फ्लोरिडा में काम करने वाले बीतन अधिकारी की मौत हो गई है. कोलकाता के बीतन अधिकारी अपनी फैमिली के साथ कश्मीर घूमने गए थे और सबकुछ सही चल रहा था. वो परिवार के साथ 22 अप्रैल को शाम के समय पहलगाममें मिनी स्वाजीलैंड यानी बैसरन घाटी गए थे. लेकिन यहां पर एकदम से आतंकी आए और उनपर हमला कर दिया. बीतन अधिकारी की पत्नी ने बताया कि उनके पति को गोली मारने वाले आतंकी के सिर पर कैमरा था. अन्य चश्मदीदों ने भी यही बात बताई है कि आतंकियों ने अपने शरीर पर बॉडी कैम पहने हुए थे.

‘वह खून से लथपथ था’

इस हमले में मारे गए मधुसूदन की पत्नी कामाक्षी ने बताया कि जब आतंकवादी उनके पास आए तो वह और उनके पति हाथ जोड़े हुए थे, सिर झुकाए हुए थे और लेटे हुए थे. कामाक्षी ने कहा, ‘‘गोली चलाने से पहले हमसे दो बार पूछा गया कि हम हिंदू हैं या मुसलमान. हम दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया. तुरंत मैंने गोली चलने की आवाज सुनी. मुझे नहीं लगा कि यह मेरे पति पर चलाई गई है, लेकिन मेरा शरीर (खून से) भीग गया और जब मैंने उनका (मधुसूदन का) चेहरा देखा तो वह खून से लथपथ था.”

3 आतंकवादियों की पहचान की गई

पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा बलों ने बुधवार को कुछ संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें और स्केच जारी किए हैं. इस हमले में मंगलवार को 26 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. सुरक्षा बलों के अनुसार, इस हमले में तीन आतंकवादियों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के तौर पर की गई है.

ये आतंकी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) नाम के आतंकी संगठन से जुड़े हैं, जो कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है. इन लोगों ने पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर बसे बैसरन में घूमने आए पर्यटकों पर अचानक गोलियां चला दीं थी.

पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल

सुरक्षा बलों ने बताया कि पांच से छह आतंकी सेना जैसे कपड़े और कुर्ता-पायजामा पहनकर आस-पास के घने जंगल से आए थे और उनके पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार थे. खुफिया जानकारी के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल थे जो कुछ ही दिन पहले घाटी में घुसे थे. सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी सैफुल्लाह कसूरी उर्फ़ खालिद को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है.

हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं. जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों ने बहुत उन्नत हथियार और संचार उपकरण इस्तेमाल किए, जिससे साफ है कि उन्हें बाहर से मदद मिल रही थी.

सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले कुछ स्थानीय लोगों की मदद से इलाके की रेकी भी की थी. चश्मदीदों का कहना है कि दो आतंकी पश्तो भाषा बोल रहे थे, जो दर्शाता है कि वे पाकिस्तानी थे. वहीं, दो स्थानीय आतंकी आदिल और आसिफ बताए जा रहे हैं, जो बिजबेहरा और त्राल के रहने वाले हैं. हमले की एकदम सही तैयारी और सटीक योजना से यह लगता है कि इसे ऐसे व्यक्तियों ने अंजाम दिया है जिन्हें इसकी अच्छी ट्रेनिंग मिली हुई है, न कि कोई सामान्य स्थानीय व्यक्ति. जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि इन आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची के सुरक्षित ठिकानों से जुड़े हुए हैं, जिससे सीमा पार आतंकी साजिश की पुष्टि होती है.

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