बता दें रायपुर के वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर पिछले दो माह से फरार हैं। रायपुर के तेलीबांधा एवं पुरानी बस्ती थाना सहित जिले के अन्य थानों में 14 मामले दर्ज हैं। अकेले तेलीबांधा और पुरानी बस्ती थानों में करीब सात मुकदमे चल रहे हैं, जिनमें मारपीट, धमकी, जमीन कब्जा और जबरन वसूली जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ पांच-पांच हजार रुपये का इनाम भी रखा है। पिछले दिनों आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका सीबीआई की विशेष अदालत ने खारिज कर दी। कोर्ट ने पुलिस की अर्जी पर वीरेंद्र और रोहित को फरार घोषित करते हुए उद्घोषणा जारी की है। दोनों को 18 अगस्त तक कोर्ट में हाजिर होने कहा है। अगर वे इस बार भी उपस्थित नहीं हुए तो पुलिस को कोर्ट के आदेशानुसार कुर्की की कार्रवाई करनी होगी।
निगम ने बड़ी कार्रवाई
इस बीच रविवार को रायपुर नगर निगम की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई। निगम ने रविवार को भाठागांव स्थित तोमर बंधुओं के ऑफिस को ढहा दिया। सुबह से ही निगम की टीम मौके पर थी और पहले ऑफिस को खाली कराया गया और उसके बाद बुलडोजर चलाया गया। बताया जा रहा है रोहित तोमर ने अपनी पत्नी के नाम से ये दफ्तर खोला था और यही से सूदखोरी का काम करते थे। कोर्ट के आदेश के मुताबिक यदि तोमर बंधु 18 अगस्त तक सरेंडर नहीं करते तो उनकी बाकि संपत्ति भी कुर्क हो सकती है।