नई दिल्ली, 10 अक्टूबर। Big ED Action : प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़े ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई करते हुए कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में दो लाकरों से करीब 50.33 करोड़ रुपये मूल्य का लगभग 40 किलोग्राम सोना जब्त किया है। यह कार्रवाई गिरफ्तार कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र और उनके सहयोगियों से जुड़े मामले में की गई है।
कहां से मिला सोना?
ईडी के अनुसार, यह सोना चित्रदुर्ग जिले के चल्लाकेरे में स्थित दो अलग-अलग बैंक लॉकरों से बरामद किया गया है। हालांकि, एजेंसी ने अभी तक सोने के वास्तविक मालिक का नाम सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि यह संपत्ति अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क से अर्जित की गई हो सकती है।
कौन हैं KC वीरेंद्र?
गिरफ्तार 50 वर्षीय विधायक केसी वीरेंद्र चित्रदुर्ग विधानसभा सीट से कांग्रेस के वर्तमान विधायक हैं। उन्हें ईडी ने अगस्त माह में सिक्किम से हिरासत में लिया था, जब वह एक कैसीनो को किराए पर लेने के लिए गए थे। जांच में पता चला है कि वे ‘किंग567’ और ‘राजा567’ जैसे अवैध सट्टा वेबसाइटों के संचालन में लंबे समय से सक्रिय थे।
ईडी का आरोप है कि वीरेंद्र अपने परिवार और सहयोगियों के साथ मिलकर हजारों यूज़र्स को ठगने के इस नेटवर्क को चला रहे थे। इस नेटवर्क की पहुंच भारत के साथ-साथ दुबई, नेपाल और थाईलैंड तक फैली हुई है।
आंकड़े चौंकाने वाले
इससे पहले ईडी ने इस केस में की गई छापेमारियों में भी बड़े पैमाने पर संपत्ति जब्त की थी, 21 किलोग्राम सोने की छड़ें, बड़ी मात्रा में नकदी, चांदी के आभूषण, बैंक खातों में जमा राशि, लग्जरी वाहन है। अब तक कुल मिलाकर 103 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और डिजिटल पेमेंट जांच के घेरे में
ईडी ने बताया कि इस रैकेट का डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स और क्रिप्टो करेंसी से भी संबंध हो सकता है। एजेंसी इस नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय फंडिंग, मनी ट्रेल और टैक्स चोरी की दिशा में जांच को तेज़ कर चुकी है।
आगे की कार्रवाई
केसी वीरेंद्र फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। ईडी उन्हें इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी मान रही है और सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में कई अन्य बड़े नामों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।
ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के इस रैकेट का खुलासा केवल एक वित्तीय घोटाले की कहानी नहीं है, बल्कि यह इस बात की चेतावनी है कि डिजिटल युग में अपराध किस स्तर तक पहुँच चुका है। ईडी की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि गैरकानूनी कमाई और भ्रष्ट तंत्र को अब बख्शा नहीं जाएगा।


