कैमरे के सामने पुलिस हिरासत में हुई माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एसआईटी को पूछताछ में मिली जानकारी यही संकेत देती है कि शूटरों ने ”ऑपरेशन अतीक” तो माफिया के साबरमती जेल से प्रयागराज के लिए रवाना होने के साथ ही शुरू हो गया था।
शूटर पल-पल की जानकारी ले रहे थे। पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर होते ही तीनों शूटर प्रयागराज आ पहुंचे। हत्या की जगह से लेकर शूटरों के ठहरने का ठिकाना तक तय दिख रहा है। अहम बात यह भी कि बगैर सिमकार्ड वाले दो मोबाइल फोन बरामदगी की बात अब हो रही है, पुलिस ने उन्हें हत्याकांड के तुरंत बाद ही होटल से बरामद कर लिया था।
एसआईटी की पूछताछ में साफ हो चुका है कि तीनों शूटरों को दो मददगार हर तरह से गाइड कर रहे थे। इनमें से एक मददगार स्थानीय है, जबकि दूसरा बाहरी। उसी ने रास्तों से परिचय कराया। शक है कि इसी ने बताया था कि कहां पर शूटर ठहरें। स्थानीय मदद का लाभ उठाते शूटर हत्याकांड के तीन दिन पहले यहां पहुंच गए और खुल्दाबाद थाने से लगे ऐसे होटल में ठहरे, जहां से काॅल्विन अस्पताल की दूरी चंद मिनटों में तय की जा सकती है।