छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक प्रार्थना-सभा की आड़ में कथित तौर पर धर्मांतरण कराए जाने का मामला सामने आया है। हिंदू संगठनों के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि भोले-भाले हिंदुओं को लालच देकर बुलाया गया और उनका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी। इस घटना की खबर मिलते ही मौके पर भारी हंगामा मच गया, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस ने मौके से एक पास्टर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
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लालच देकर धर्मांतरण का आरोप
हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को बताया कि बिलासपुर के एक घर में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इस सभा में कई गरीब और जरूरतमंद लोगों को बुलाया गया था। आरोप है कि प्रार्थना की आड़ में इन लोगों को धन, बीमारी से मुक्ति और बेहतर जीवन का झांसा देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था। यह भी कहा गया कि सभा में शामिल कई लोग हिंदू धर्म से संबंधित थे और उन्हें बहला-फुसलाकर अपना धर्म बदलने को कहा जा रहा था।
हंगामा होने पर पुलिस ने की कार्रवाई
धर्मांतरण की कोशिश की खबर जैसे ही हिंदू संगठनों तक पहुंची, उनके कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उस घर के बाहर जमा हो गए, जहां प्रार्थना सभा चल रही थी। उन्होंने नारेबाजी करते हुए इस कृत्य का विरोध किया। स्थिति बिगड़ती देख स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की। माहौल को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने सभा का संचालन कर रहे पास्टर और अन्य छह लोगों को हिरासत में ले लिया।
बाइबिल और डायरी जब्त, जांच जारी
पुलिस ने मौके से धर्मांतरण से संबंधित कुछ सामग्री भी जब्त की है, जिसमें एक बाइबिल और एक डायरी शामिल है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि डायरी में कुछ लोगों के नाम और संपर्क विवरण लिखे गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। पुलिस ने हिरासत में लिए गए सभी सात आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और उसके बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


