Air Pollution , नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है। सोमवार सुबह भी लोगों को जहरीली हवा और घने स्मॉग से कोई राहत नहीं मिली। सुबह से ही राजधानी के कई इलाकों में धुंध और धुएं की मिश्रित परत देखने को मिली, जिसके कारण दृश्यता भी प्रभावित हुई। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 318 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। वहीं, एनसीआर के कई हिस्सों में AQI 350 से भी ऊपर दर्ज किया गया।
अलग-अलग इलाकों में बिगड़ा हवा का स्तर
दिल्ली के आनंद विहार, जहांगीरपुरी, द्वारका और बवाना जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी के करीब पहुंच गया है। वहीं, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गति धीमी होने और प्रदूषकों के जमीन के करीब जमा होने से हालात और बिगड़ रहे हैं।
स्मॉग की चादर से बढ़ी स्वास्थ्य चिंताएं
लगातार खराब हवा के कारण लोगों में आंखों में जलन, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत और त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं। डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और अस्थमा के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। उनका कहना है कि AQI 300 के पार होने पर लंबे समय तक बाहर रहना फेफड़ों पर गंभीर असर डाल सकता है।
प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास जारी
दिल्ली सरकार की ओर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कई कदम पहले ही लागू किए जा चुके हैं। निर्माण कार्यों पर निगरानी बढ़ाई गई है, वहीं औद्योगिक इकाइयों पर भी सख्ती की जा रही है। इसके अलावा, सड़कों पर पानी का छिड़काव, एंटी-स्मॉग गन और हॉटस्पॉट क्षेत्रों पर विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम विभाग ने जताई चिंता
आईएमडी के अनुसार अगले दो दिनों तक हवा की गति में सुधार की संभावना कम है, जिसके चलते AQI में विशेष गिरावट की उम्मीद नहीं है। अगर हवा की स्थिति ऐसी ही रही तो प्रदूषण का स्तर और गंभीर हो सकता है।
लोगों के लिए क्या करें—क्या न करें
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सुबह-सुबह की सैर और जॉगिंग से बचें
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घर से बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनें
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बच्चों को खुले में खेलने से रोकें
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एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें
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ज्यादा पानी पीएं और विटामिन-C युक्त आहार लें
दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल दमघोंटू हवा से राहत के आसार कम दिख रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक हवा की दिशा और गति में सुधार नहीं आता, प्रदूषण का स्तर ऐसे ही बना रह सकता है।


