Monday, April 21, 2025

CBI को अनिल टुटेजा निवास में क्या-क्या मिले? जानिए

रायपुर : राज्य के बहुचर्चित नान (छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वाट्सएप चैटिंग प्रकरण की जांच के लिए एफआईआर दर्ज कर ली है। यह एफआईआर एसीबी की पूर्व में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर की गई है। जांच के सिलसिले में शुक्रवार सीबीआई ने पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के सिविल लाइन स्थित निवास पर दबिश दी। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया गया है।

एफआईआर में दर्ज आरोपों के अनुसार, यह मामला आपराधिक षड्यंत्र, लोकसेवक द्वारा रिश्वत लेना, निजी व्यक्ति द्वारा लोकसेवक को रिश्वत देना, आपराधिक कदाचार, झूठे साक्ष्य गढ़ना, साक्ष्य छिपाना तथा जांच को प्रभावित करने की कोशिश से जुड़ा हुआ है। बता दें कि नान घोटाले से जुड़े आरोपियों को जमानत दिलाने एवं साक्ष्य को छिपाने की साजिश के मामले में चार नवंबर 2024 को ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर में अनिल टुटेजा, आलोक शुक्ला और सतीश चंद्र वर्मा को नामजद आरोपी बनाया गया था। हालांकि, सतीश चंद्र वर्मा और आलोक शुक्ला को बाद में जमानत मिल गई थी।

ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई को दस्तावेजी साक्ष्य सौंपे हैं। ईडी ने एसीबी को सूचित किया था कि अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला ने न केवल जांच को प्रभावित करने की कोशिश की, बल्कि आयकर विभाग द्वारा जुटाए गए डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर ईडी की कार्रवाई में भी बाधा उत्पन्न की।

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